trendingNow12615130
Hindi News >>Health
Advertisement

'मेल मेनोपॉज' भी होता है, एजिंग के साथ मर्दों में आती है परेशानी, डरना जरूरी है, या नहीं?

Male Menopause: महिलाओं की तरह पुरुषों को भी होता है मेनोपॉज, जिसे 'एंड्रोपॉज' के नाम से जाना जाता है, लेकिन क्या इससे मर्दों को डरना चाहिए?

'मेल मेनोपॉज' भी होता है, एजिंग के साथ मर्दों में आती है परेशानी, डरना जरूरी है, या नहीं?
Shariqul Hoda|Updated: Jan 24, 2025, 03:51 PM IST
Share

What Is Andropause: मेनोपॉज की चर्चा खूब होती है. उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन में होने वाले चेंजेज का अहसास सिर्फ महिलाओं को ही नहीं होता बल्कि पुरुष भी असहज स्थिति से गुजरते हैं. कब होता है ये, क्या महिलाओं के समान ही पुरुष भी मूड स्विंग महसूस करते हैं, दिक्कत हो तो क्या करें? ऐसे तमाम सवालों को लेकर न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने दिल्ली स्थित सी.के. बिड़ला अस्पताल में यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. समीर खन्ना से बातचीत की.

एंड्रोपॉज क्या है?
सीनियर यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक, एंड्रोपॉज, जिसे आम लोग अक्सर "मेल मेनोपॉज" कहते हैं, महिलाओं में मेनोपॉज के जैसे नहीं है. हालांकि उनमें कुछ समानताएं हैं. एंड्रोपॉज पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर में धीरे-धीरे होने वाली गिरावट को दर्शाता है, जो आमतौर पर 50 की उम्र के आसपास शुरू होता है और सालों में धीरे-धीरे बढ़ता है.

मर्द की 'ताकत' पर पड़ता है असर?
डॉक्टर के मुताबिक इसका असर प्रजनन क्षमता पर नहीं पड़ता. उन्होंने कहा, महिलाओं में प्रजनन क्षमता के साफ अंत के तौर पर चिह्नित मेनोपॉज के उलट एंड्रोपॉज में ऐसा नहीं होता है.  एंड्रोपॉज में थकान, कामेच्छा में कमी, मूड स्विंग, मांसपेशियों में कमी, फैट में वृद्धि जैसे लक्षण शामिल हैं. ये चेंज टेस्टोस्टेरोन के गिरते लेवल से जुड़े होते हैं, लेकिन ये टेंशन, पुरानी बीमारी या लाइफस्टाइल की आदतों जैसे फैक्टर्स से भी बढ़ सकते हैं.

क्या इससे डरने की जरूरत है? 
इस सवाल पर डॉक्टर ने कहा, "नहीं, पुरुषों को एंड्रोपॉज के बारे में पता होना चाहिए लेकिन जरूरी नहीं कि वे इसके बारे में "चिंता" करें. ये बढ़ती उम्र की स्वाभाविक प्रक्रिया है, ज्यादातर लोगों को सिर्फ हल्के लक्षण ही अनुभव होते हैं.

मेडिकल हेल्प
हालांकि, जिन लोगों को ज्यादा दिक्कत हो तो उन्हें एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए. ब्लड टेस्ट टेस्टोस्टेरोन के लेवल को निर्धारित कर सकता है, और अगर वे असामान्य रूप से कम हैं, तो टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (टीआरटी) एक विकल्प हो सकता है. टीआरटी का इस्तेमाल सिर्फ मेडिकल एक्सपर्टी की देखरेख में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे दिल से जुड़ी परेशानी हो सकती है और प्रोस्टेट समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है."

कैसे रहें हेल्दी?
डॉक्टर हेल्दी रूटीन अपनाने की भी सलाह देते हैं. उन्होंने कहा, एंड्रोपॉज के असर को रेगुलर एक्सरसाइज, बैलेंस्ड डाइट, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट से रोका जा सकता है. पुरुषों को ओवरऑल हेल्थ की निगरानी करने और किसी भी उभरती हुई स्वास्थ्य चिंताओं को दूर करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच को भी प्राथमिकता देनी चाहिए.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

Read More
{}{}