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लिवर के कतरे-कतरे का सूरत-ए-हाल बता देगा ये एक टेस्ट, जानिए क्या है नॉर्मल रेंज

लिवर की बीमारी किसी को हो जाए, तो उसकी पूरी सेहत की बैंड बज जाती है, ऐसे में एक खास टेस्ट कराते रहना जरूरी है जिससे इस ऑर्गन की एक्चुअल हेल्थ का अंदाजा लगाया जा सके.

लिवर के कतरे-कतरे का सूरत-ए-हाल बता देगा ये एक टेस्ट, जानिए क्या है नॉर्मल रेंज
Shariqul Hoda|Updated: Jun 18, 2025, 10:33 AM IST
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What Is SGPT Test For Liver: ह्यूमन बॉडी के लिवर की अहमियत हमारी उम्मीद से कहीं ज्यादा है, क्योंकि ये डाइजेशन, डिटॉक्सिफिकेशन, प्रोटीन का निर्माण और न्यूट्रीएंट के स्टोरेज जैसे कई जरूरी काम करता है. लेकिन जब लिवर को नुकसान पहुंचता है, तो इसका असर हमारे ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है. लिवर की एफिशिएंसी का पता लगाने के लिए जो टेस्ट किए जाते हैं, उनमें SGPT टेस्ट (Serum Glutamate Pyruvate Transaminase) अहम है. यह टेस्ट लिवर में सूजन, चोट या किसी बीमारी के इशारे देने में मदद करता है.

SGPT टेस्ट क्या है?
SGPT, जिसे ALT (Alanine Aminotransferase) भी कहा जाता है, एक एंजाइम है जो खास तौर से लिवर के सेल्स में पाया जाता है. जब लिवर को किसी वजह से नुकसान होता है, जैसे कि हेपेटाइटिस, फैटी लिवर, शराब का ज्यादा सेवन या दवाओं का साइड इफेक्ट, तो ये एंजाइम खून में रिलीज हो जाता है. ऐसे में ब्लड टेस्ट के जरिए SGPT लेवल मापा जाता है, जिससे लिवर की कंडीशन का अंदाजा लगाया जा सकता है.
 

SGPT की नॉर्मल रेंज क्या होती है?
SGPT का सामान्य स्तर आमतौर पर इस रेंज में होना चाहिए

पुरुषों में: 7 से 56 यूनिट प्रति लीटर (U/L)

महिलाओं में: 7 से 45 यूनिट प्रति लीटर (U/L)

हालांकि ये रेंज लैब की तकनीक और पेशेंट की उम्र, वजन और दूसरे हेल्थ कंडीशन पर भी डिपेंड करती है.
 

SGPT लेवल बढ़ने की वजह

1. हेपेटाइटिस A, हेपेटाइटिस B, हेपेटाइटिस C

2. हर से ज्यादा शराब पीना

3. फैटी लिवर डिजीज

4. कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट

5. लिवर में ट्यूमर या कैंसर

6. मोटापा और डायबिटीज
 

SGPT लेवल कम करने के लिए क्या करें?

1. हेल्दी और लो-फैट डाइट लें

2. रेगुलर एक्सरसाइज करें

3. शराब और तंबाकू से दूर रहें

4. डॉक्टर की सलाह के बगैर दवाएं न लें

5. रोजाना 7 से 8 ग्लास पानी जरूर पिएं

इस बात को समझें
SGPT टेस्ट लिवर की सेहत को परखने का एक बेहद यूजफुल तरीका है. अगर रिपोर्ट में SGPT लेवल नॉर्मल से ज्यादा हो, तो इसे नजरअंदाज न करें. वक्त पर डॉक्टर से टेस्ट और प्रोपर ट्रीटमेंट करवाएं ताकि लिवर को सीरियस डैमेज से बचाया जा सके. लिवर हेल्दी रहेगा, तो शरीर भी फिट और एक्टिव बना रहेगा.
 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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