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ट्रेकोमा फ्री हुआ भारत, जानिए कैसे आंखों को नुकसान पहुंचाती है ये बीमारी, पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र

एक वक्त था जब 'ट्रेकोमा' नामक बीमारी देश के कोने-कोने में कहर बरपा रही थी, लेकिन अब हमारे देश में इसका जिक्र तक नहीं होता, क्योंकि इंडिया अब इससे आजाद हो चुका है.

ट्रेकोमा फ्री हुआ भारत, जानिए कैसे आंखों को नुकसान पहुंचाती है ये बीमारी, पीएम मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र
Shariqul Hoda|Updated: Jun 29, 2025, 12:53 PM IST
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What is Trachoma Disease: पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 123वें एपिसोड के दौरान देश की दो उपलब्धियों का 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' और 'इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन' द्वारा सराहना किए जाने का जिक्र किया. उन्होंने आंखों में होने वाली बीमारी ट्रेकोमा के बारे में बताया और कहा कि अब भारत 'ट्रेकोमा मुक्त देश' बन चुका है.

देश का अचीवमेंट
पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान कहा, "मैं आपको देश की 2 ऐसी उपलब्धियों के बारे में बताना चाहता हूं, जो आपको गर्व से भर देंगी. इन उपलब्धियों की चर्चा वैश्विक संस्थाएं कर रही हैं. डब्ल्यूएचओ यानी 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' और 'आईएलओ' यानी अंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गेनाइजेशन ने देश की इन अचीवमेंट्स की भरपूर सराहना की है.

अब भारत में नहीं रहा 'ट्रेकोमा'
पहली उपलब्धि तो हमारी सेहत से जुड़ी है. आप में से बहुत से लोगों ने आंखों की एक बीमारी ट्रेकोमा के बारे में सुना होगा. ये बीमारी बैक्टीरिया से फैलती है. एक वक्त था, जब ये बीमारी देश के कई हिस्सों में आम थी. ध्यान नहीं दिया जाए तो इस बीमारी से धीरे-धीरे आंखों की रोशनी तक चली जाती थी."

उन्होंने कहा, "हमने संकल्प लिया कि ट्रेकोमा को जड़ से खत्म करेंगे और मुझे आपको ये बताते हुए बहुत खुशी है कि 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' यानी डब्लूएचओ ने भारत को 'ट्रेकोमा फ्री' घोषित कर दिया है. अब भारत ट्रेकोमा फ्री देश बन चुका है. ये उन लाखों लोगों की मेहनत का फल है, जिन्होंने बिना थके, बिना रुके, इस बीमारी से लड़ाई लड़ी. ये कामयाबी हमारे हेल्थ वर्कर की है.'स्वच्छ भारत अभियान' से भी इसे मिटाने में बड़ी मदद मिली है. 'जल जीवन मिशन' का भी इस सफलता में बड़ा योगदान रहा है."

ट्रेकोमा क्या है?
ट्रेकोमा क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (Chlamydia trachomatis) नामक बैक्टीरिया से होने वाली एक इंफेक्शन फैलाने वाली आंखों की बीमारी है. ये खास तौर से खराब हाइजीन, भीड़भाड़ वाले वातावरण और पानी की कमी वाले इलाकों में फैलता है. बार-बार संक्रमण होने से पलक के अंदरूनी हिस्से में खुरदुरापन और निशान पड़ जाते हैं, जिससे पलकें अंदर की तरफ मुड़ सकती हैं. ये मुड़ी हुई पलकें और उनसे रगड़ती पलकें आंख की कॉर्निया (पुतली) को लगातार नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे दर्द, धुंधली नजर और आखिरकार स्थायी अंधापन हो सकता है. बच्चों में यह बीमारी ज़्यादा देखी जाती है. 

नल से पहुंच रहा पानी
पीएम मोदी ने आगे कहा, "आज जब घर-घर नल से साफ पानी पहुंच रहा है, तो ऐसी बीमारियों का खतरा कम हो गया है. 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' डब्ल्यूएचओ ने भी इस बात की सराहना की है कि भारत ने बीमारी से निपटने के साथ-साथ उसके मूल कारणों को भी दूर किया है."

सामाजिक सुरक्षा लाभ
इसके अलावा पीएम मोदी ने इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट के बारे में भी मन की बात में बताया. उन्होंने कहा, "आज भारत में ज्यादातर आबादी किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा लाभ का फायदा उठा रही है और अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय लेबर ऑर्गेनाइजेशन- आईएलओ की बड़ी अहम रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 64 फीसदी से ज्यादा आबादी को अब कोई न कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ जरूर मिल रहा है.

सामाजिक सुरक्षा: ये दुनिया की सबसे बड़ी कवरेज में से एक है. आज देश के लगभग 95 करोड़ लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं, जबकि 2015 तक 25 करोड़ से भी कम लोगों तक सरकारी योजनाएं पहुंच पाती थी."

उन्होंने कहा, "भारत में सेहत से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक, हर क्षेत्र में देश परिपूर्णता की भावना से आगे बढ़ रहा है. ये सामाजिक न्याय की भी उत्तम तस्वीर है. इन सफलताओं ने एक विश्वास जगाया है कि आने वाला समय और बेहतर होगा।ॉ. हर कदम पर भारत और भी सशक्त होगा."

(इनपुट-आईएएनएस)

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