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किस विटामिन की कमी से नसों में घटने लगता खून? बचने के लिए उठाएं ऐसे कदम

विटामिन हमारे शरीर के लिए काफी अहम होते हैं, इसकी कमी से ऐसा लगता है कि बदन के अंदरूनी हिस्से में गड़बड़ी महसूस होने लगती है.

किस विटामिन की कमी से नसों में घटने लगता खून? बचने के लिए उठाएं ऐसे कदम
Shariqul Hoda|Updated: May 29, 2025, 01:16 PM IST
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Vitamin B12 Deficiency Disease Anemia: एनीमिया का मतलब ऐसी बीमारी से है जिसमें शरीर में खून की कमी होने लगती है, जिससे कमजोर महसूस होना लाजमी है. इसे बचने के लिए जरूरी है कि बॉडी में विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में हो. बी12 की कमी से एनीमिया इसलिए होता है क्योंकि इस न्यूट्रिएंट के जरिए रेड ब्लड सेल्स का निर्माण होता है.

बी12 क्यों है जरूरी?
विटामिन बी12, जिसे कोबालमिन भी कहते हैं, डीएनए सिंथेसिस, सेल डिविजन और आरबीसी के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है. इसकी कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया नामक कंडीशन पैदा होता है, जिसमें असामान्य रूप से बड़े और इमैच्योर रेड ब्लड सेल्स बनते हैं, जो ऑक्सीजन का ट्रांस्पोर्टेशन नहीं कर सकते.
 

बी12 की कमी क्यों होती है?

विटामिन बी12 की कमी के कई कारण हो सकते हैं. पहला, सही डाइट की कमी, खास तौर से शाकाहारी या वीगन डाइट में, क्योंकि बी12 ज्यादा मात्रा से मांस, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है.दूसरा, एब्जॉर्ब्शन में परेशानी, जैसे पर्निशियस एनीमिया, जिसमें शरीर इंट्रिंसिक फैक्टर (एक प्रोटीन) का प्रोडक्शन नहीं करता, जो बी12 के अवशोषण के लिए जरूरी है. दूसरे कारणों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स, जैसे क्रोहन डिजीज, सीलिएक डिजीज, या सर्जरी (जैसे गैस्ट्रिक बाईपास), शामिल हैं, जो आंत में बी12 अवशोषण को बाधित करते हैं. कुछ दवाएं, जैसे मेटफॉर्मिन या प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स, भी बी12 एब्जॉर्ब्शन को कम कर सकती हैं.

नहीं होने दें डेफिशिएंसी
जब बी12 की कमी होती है, तो रेड ब्लड सेल्स का निर्माण रुकावट पैदा होती है. सामान्य रूप से, बोन मैरो में आरबीसी मैच्योर होती हैं, लेकिन बी12 की कमी से ये सेल्स असामान्य रूप से बड़ी (मेगालोब्लास्ट) और एफिशिएंसी में कमजोर हो जाती हैं. इससे ब्लड में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घटती है, जिसके कारण थकान, कमजोरी, सांस फूलना, और चक्कर जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसके अलावा, बी12 की कमी नर्वस सिस्ट को भी अफेक्ट कर सकती है, जिससे झुनझुनी, सुन्नता, और संतुलन की समस्या हो सकती है.

इससे बचने के उपाय
इसके लिए जरूरी है कि आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी पूरी हो,  जो इंजेक्शन, सप्लीमेंट्स, या डाइट के जरिए की जा सकती है. शाकाहारियों के लिए फोर्टिफाइड फूड्स (जैसे फोर्टिफाइड दूध या अनाज) और सप्लीमेंट्स फायदेमंद हैं. अगर एब्जॉर्ब्शन की समस्या है, तो इंजेक्शन या हाई डोज वाले ओरल सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं. वक्त पर डायग्नोसिस और इलाज से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया को ठीक किया जा सकता है, लेकिन लंबे वक्त तक कमी रहने से ज्यादा नर्व डैमेड हो सकता है. इसलिए रेगुलर चेकअप और बैलेंस्ड डाइट लेना जरूरी है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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