Hepatitis B: जब भी खतरनाक बीमारियों का जिक्र होता है, तो ज्यादातर लोग सबसे पहले एड्स (HIV/AIDS) का नाम लेते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट की मानें तो लिवर की एक गंभीर बीमारी हेपेटाइटिस बी, कई मामलों में एड्स से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है. ये एक वायरल इंफेक्शन है, जो सीधे लिवर को अफेक्ट करता है और वक्त पर इलाज न मिले तो लिवर फेलियर या कैंसर का कारण बन सकता है.
1. इंफेक्शन का तरीका ज्यादा खतरनाक
हेपेटाइटिस बी और एचआईवी दोनों ही इंफेक्टेड खून, सुई, असुरक्षित यौन संबंध और मां से बच्चे में फैलते हैं. लेकिन हेपेटाइटिस बी का वायरस एचआईवी से 100 गुना ज्यादा संक्रामक होता है. यानी मामूली लापरवाही से भी ये इंफेक्शन आसानी से फैल सकता है.
2. शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते
हेपेटाइटिस बी की सबसे बड़ी चुनौती है कि इसके शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं या बिल्कुल नजर नहीं आते. पेशेंट को ये पता ही नहीं चलता कि उसके लिवर में धीरे-धीरे नुकसान हो रहा है. जब तक गंभीर लक्षण जैसे पीलिया, थकान, पेट दर्द, भूख की कमी या लिवर सूजन सामने आते हैं, तब तक बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है.
3. लिवर सिरोसिस और कैंसर का खतरा
हेपेटाइटिस बी का वायरस लिवर के सेल्स को धीरे-धीरे खराब करता है, जिससे लिवर सिरोसिस (लिवर का सिकुड़ना) और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (लिवर कैंसर) होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. ये कंडीशन जानलेवा हो सकती है.
4. लिमिटेड ट्रीटमेंट, प्रिवेंशन ही उपाय
एचआईवी के लिए आज कई दवाएं मौजूद हैं, जिससे मरीज दशकों तक सेहतमंद रह सकता है. लेकिन हेपेटाइटिस बी में इलाज सीमित है. हालांकि इसका वैक्सीन मौजूद है, जो इस बीमारी से बचाव का सबसे मजबूत उपाय है.
5. दुनिया भर में तेजी से फैलता इंफेक्शन
WHO के मुताबिक, दुनिया भर में 250 मिलियन से ज्यादा लोग क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं, जबकि एचआईवी के मामलों की संख्या इससे काफी कम है. भारत में भी हर साल लाखों नए केस सामने आते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.