दिल्ली-एनसीआर के ग्रेटर नोएडा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां रेबीज से संक्रमित गाय का दूध पीने के बाद एक महिला की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला ने जिस गाय का दूध पिया था, उसे एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था, जिससे गाय को रेबीज संक्रमण हो गया था. दुर्भाग्यवश, महिला को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उसने बिना किसी सावधानी के संक्रमित दूध का सेवन कर लिया. कुछ ही दिनों में उसे रेबीज के लक्षण दिखने लगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला के परिवार वाले उसे बचाने के लिए कई अस्पतालों में लेकर गए, लेकिन अस्पतालों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए इलाज करने से इनकार कर दिया. आखिरकार, जिला अस्पताल ने उन्हें मरीज को घर ले जाने की सलाह दी. कुछ ही घंटों बाद महिला की मौत हो गई.
क्या संक्रमित गाय के दूध से भी रेबीज फैलता है?
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के अनुसार, दूध या दूध की बनी चीजों के सेवन करने से रेबीज फैलने का कोई प्रमाणिक प्रमाण नहीं है. सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक किसी भी लेबोरेटरी या महामारी विज्ञान अध्ययन में यह साबित नहीं हुआ है कि दूध पीने से रेबीज फैलता है. इसलिए, रेबीज संक्रमित पशु का दूध पीने के बाद पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) की आवश्यकता नहीं होती है.
हालांकि, रिसर्च कुछ और कहती है
हालांकि, अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, कच्चे (unpasteurized) दूध में रेबीज वायरस के मौजूद होने का खतरा होता है. 1998 में अमेरिका के मैसाचुसेट्स में एक मामले में रेबीज संक्रमित गाय के दूध के सेवन से कई लोगों को खतने में पाया गया था. इसी तरह, 1996 में वॉर्सेस्टर काउंटी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां संक्रमित गाय का दूध पीने से लोगों पर संक्रमण का खतरा मंडराने लगा था.
कितना खतरनाक है रेबीज?
रेबीज एक जानलेवा वायरस संक्रमण है, जो आमतौर पर कुत्ते, बिल्ली, लोमड़ी, गीदड़ और अन्य जानवरों के काटने या खरोंचने से फैलता है. यह वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) को प्रभावित करता है, जिससे दिमाग में सूजन आ जाती है. इसके लक्षण हैं-
* तेज बुखार और सिरदर्द
* गले में दर्द और जलन
* पानी या हवा से डर लगना (हाइड्रोफोबिया)
* भ्रम और आक्रामक व्यवहार
* दौरे और लकवा
कैसे बचें?
* कच्चे दूध का सेवन न करें, खासकर जब उसकी शुद्धता को लेकर संदेह हो.
* यदि किसी आवारा कुत्ते या जानवर ने काट लिया हो, तो तुरंत एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं.
* जानवरों को नियमित रूप से टीकाकरण कराएं, ताकि वे संक्रमण से बचे रहें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.