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पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में UTI इंफेक्शन का रिस्क, इन चीजों से रहें बचकर, प्राइवेट पार्ट में खुजली से रहेंगे परेशान


What Is The Main Cause Of UTI: यूटीआई एक प्राइवेट पार्ट में होने वाला एक इंफेक्शन है, जो महिलाओं में अधिक होता है. ऐसे में इससे बचाव के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, यहां हम आपको बता रहे हैं.   

पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में UTI इंफेक्शन का रिस्क, इन चीजों से रहें बचकर, प्राइवेट पार्ट में खुजली से रहेंगे परेशान
Sharda singh|Updated: Mar 06, 2025, 07:45 PM IST
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) पेशाब की नली में होने वाली एक गंभीर समस्या है. यह दिक्कत महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है. एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 24 साल तक की हर तीसरी महिला को कभी न कभी UTI का सामना करना पड़ता है, और लगभग 50% महिलाओं को अपने जीवन में एक बार यह इंफेक्शन होता ही है. 

यूटीआई इंफेक्शन के लक्षणों में पेशाब करते समय दर्द या जलन, बार-बार पेशाब आना और बादल जैसा या खून वाला पेशाब आना  शामिल है. इसके अलावा पेट के निचले हिस्से या पीठ में दर्द बुखार, मतली और उल्टी भी महसूस हो सकता है. ऐसे में बचाव के लिए  UTI होने के कारण और इसके लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए यहां हम आपको डिटेल में बता रहे हैं.

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महिलाओं में UTI होने का कारण

महिलाओं का यूरिन ट्रेक्ट पुरुषों की तुलना में छोटे होते हैं. यही कारण है कि महिलाओं को UTI होने की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि बैक्टीरिया को मूत्राशय में प्रवेश करने में आसानी होती है.

यूटीआई इंफेक्शन का कारण

यौन संबंध 

सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में UTI का खतरा अधिक होता है. दरअसल, संबंध बनाने के दौरान बॉडी फ्लुएड एक्सचेंज होते हैं, जो इंफेक्शन वाले बैक्टीरिया को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में बचाव के लिए इंटरकोर्स के बाद हल्के साबुन और पानी से प्राइवेट पार्ट को साफ करना चाहिए.

टॉयलेट पेपर का गलत यूज 

टॉयलेट पेपर का गलत तरीके से उपयोग भी UTI के रिस्क को बढ़ा सकता है. एक स्टडी के अनुसार, महिलाओं को प्राइवेट पार्ट को आगे से पीछे की ओर पोंछना चाहिए, इससे बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश नहीं कर पाते. 

यूरिन कंट्रोल रखना 

पेशाब को अधिक समय तक रोकने से भी मूत्राशय में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे UTI हो सकता है. पेशाब को 3 घंटे से अधिक रोकना सेहत के लिए सही नहीं है. इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया को कंट्रोल रखने के लिए समय-समय पर पेशाब करना जरूरी है. 

डायबिटीज मैनेज न रखना

डायबिटीज वाले मरीजों में UTI का रिस्क और भी बढ़ जाता है. ऐसा ब्लड शुगर के कंट्रोल न रहने से होता है जो मूत्राशय की नसों में ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट पैदा करते हैं. इससे मूत्राशय को ठीक से खाली करने में कठिनाई होती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

टाइट अंडरवियर 

टाइट अंडरवियर, विशेषकर नायलॉन या स्पैन्डेक्स के कपड़े, नमी पैदा करते हैं, जिससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं. ऐसे में इंफेक्शन से बचने के लिए कॉटन के अंडरवियर का इस्तेमाल करना बेहतर होता है.

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कम पानी पीना 

शरीर में पानी की कमी होने से मूत्राशय में बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं, जो UTI का कारण बनते हैं. इसलिए बॉडी को हाइड्रेट बनाए रखना जरूरी है. जब आप अधिक पानी पीते हैं, तो पेशाब ज्यादा बनता है, जिससे बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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