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प्रेग्नेंसी में ये डाइट अपनाने की न करें गलती, शिशु में ऑटिज्म और ADHD का बढ़ सकता है खतरा!

प्रेग्नेंसी के दौरान मां के खानपान का सीधा असर बच्चे की सेहत और विकास पर पड़ता है. हाल ही में हुए एक शोध में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि प्रेग्नेंसी में वेस्टर्न डाइट अपनाने से गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

प्रेग्नेंसी में ये डाइट अपनाने की न करें गलती, शिशु में ऑटिज्म और ADHD का बढ़ सकता है खतरा!
Shivendra Singh|Updated: Mar 26, 2025, 08:12 PM IST
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प्रेग्नेंसी के दौरान मां के खानपान का सीधा असर बच्चे की सेहत और विकास पर पड़ता है. हाल ही में हुए एक शोध में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि प्रेग्नेंसी में वेस्टर्न डाइट अपनाने से गर्भ में पल रहे शिशु में ऑटिज्म और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) का खतरा बढ़ सकता है. इस शोध में 60,000 से अधिक मां-बच्चे की जोड़ी का अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि वेस्टर्न डाइट का सेवन करने वाली महिलाओं के शिशुओं में न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है.

डेनमार्क की कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी और डेनिश पीडियाट्रिक अस्थमा सेंटर द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि प्रेग्नेंसी के पहले और दूसरे तिमाही में वेस्टर्न डाइट का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों में ADHD का 66% अधिक और ऑटिज्म का 122% अधिक खतरा होता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, यह इसलिए होता है क्योंकि बच्चे के दिमाग का विकास प्रेग्नेंसी के पहले और दूसरे तिमाही में तेजी से होता है और मां की डाइट का इस पर गहरा प्रभाव पड़ता है.

क्या है वेस्टर्न डाइट और क्यों है खतरनाक?
वेस्टर्न डाइट को अक्सर स्टैंडर्ड अमेरिकन डाइट भी कहा जाता है. इसमें अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट, रिफाइंड कार्ब्स, शुगरी ड्रिंक्स और अनहेल्दी फैट होती हैं. यह डाइट देखने में भले ही सुविधाजनक और स्वादिष्ट लगती हो, लेकिन सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. वेस्टर्न डाइट में मौजूद चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, फास्ट फूड में मौजूद सैचुरेटेड और ट्रांस फैट शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि वेस्टर्न डाइट में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे बच्चे के दिमाग और न्यूरोलॉजिकल विकास पर गलत असर पड़ता है.

प्रेग्नेंसी में इन बातों का रखें ध्यान
* फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें, जो फाइबर से भरपूर होते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं.
पैकेज्ड स्नैक्स, फ्रोजन फूड और शुगरी ड्रिंक्स से दूरी बनाएं, क्योंकि ये शिशु के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
दिमाग के विकास के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड (अखरोट, फ्लैक्ससीड्स, मछली) का सेवन करें.
पानी और हेल्दी ड्रिंक्स पीने की आदत डालें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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