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आपके बेडरूम की लाइट बना सकती है आपको डायबिटीज और हार्ट अटैक का शिकार, कहीं ये बड़ी गलती तो नहीं कर रहे आप?

हाल ही में आई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि सिर्फ एक रात भी रोशनी में सोने से ब्लड शुगर लेवल और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. इससे डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.

आपके बेडरूम की लाइट बना सकती है आपको डायबिटीज और हार्ट अटैक का शिकार, कहीं ये बड़ी गलती तो नहीं कर रहे आप?
Shivendra Singh|Updated: Apr 03, 2025, 05:37 PM IST
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क्या आपको भी सोने से पहले मोबाइल चलाने या कमरे की लाइट जलाकर सोने की आदत है? अगर हां, तो यह आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है! अक्सर हमें यह सलाह दी जाती है कि सोने से पहले लाइट बंद कर दें, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है? हाल ही में आई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि सिर्फ एक रात भी रोशनी में सोने से ब्लड शुगर लेवल और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. इससे न केवल डायबिटीज का खतरा बढ़ता है, बल्कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिर्फ एक रात तेज रोशनी में सोने से ग्लूकोज होमियोस्टेसिस यानी शरीर की शुगर कंट्रोल करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है. शोधकर्ताओं के अनुसार, रात के समय तेज लाइट से मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर गिरता है और नर्वस सिस्टम ज्यादा एक्टिव हो जाता है, जिससे अगले दिन इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ जाता है. इससे शरीर में ब्लड शुगर का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता, जिससे डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है.

कैसे हुई स्टडी?
इस अध्ययन में 20 युवा प्रतिभागियों को शामिल किया गया. पहले ग्रुप के 10 लोगों को एक रात हल्की रोशनी और दूसरी रात तेज रोशनी में सुलाया गया, वहीं, दूसरे ग्रुप के 10 लोगों को दोनों रातें हल्की रोशनी में सुलाया गया. अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले रहे! जो लोग तेज लाइट में सोए, उनमें अगली सुबह ब्लड शुगर कंट्रोल करने की क्षमता कम पाई गई और उनकी हार्ट रेट ज्यादा थी. वहीं, जिन लोगों ने हल्की रोशनी में नींद ली, उनकी हेल्थ पर कोई खास असर नहीं देखा गया.

कैसे रखें अपनी सेहत का ध्यान?
* रात में कमरे की लाइट बंद करके सोएं. हल्की या पूरी तरह से अंधेरे में सोने से नर्वस सिस्टम शांत रहता है और शरीर को गहरी नींद मिलती है.
* मोबाइल और स्क्रीन से दूरी बनाएं. सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल और लैपटॉप बंद कर दें, ताकि मेलाटोनिन हार्मोन सही तरीके से काम कर सके.
* सोने और उठने का समय तय करें. रोज एक ही समय पर सोने और उठने से शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक सही रहती है.
* कमरे का तापमान सही रखें. एक ठंडा, अंधेरा और शांत माहौल अच्छी नींद के लिए जरूरी है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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