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‘6 नमाजियों को किसने मारा, जानबूझकर घ‌टिया जांच हुई..?’ मालेगांव बम धमाके के फैसले से नाखुश हुए ओवैसी

Asaduddin Owaisi first reaction to 2008 Malegaon blast case verdict: मुंबई की एक विशेष एनआईए कोर्ट ने 2008 के मालेगांव बम धमाके के मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इस फैसले से AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गहरी नाराजगी जताई हैं. जानें पूरी बात.

‘6 नमाजियों को किसने मारा, जानबूझकर घ‌टिया जांच हुई..?’ मालेगांव बम धमाके के फैसले से नाखुश हुए ओवैसी
krishna pandey |Updated: Jul 31, 2025, 02:05 PM IST
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Asaduddin Owaisi Dispointed on Malegaon blast case verdict: मुंबई की एक विशेष एनआईए कोर्ट ने 2008 के मालेगांव बम धमाके के मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. इस फैसले से AIMIM प्रमुख ओवैसी ने गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और पूछा कि आखिर छह लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है. असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या वह इस फैसले को चुनौती देगी.

'आखिर 6 नमाजियों को किसने मारा?
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई की एक विशेष एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम धमाके के मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि सबूतों की कमी की वजह से आरोप साबित नहीं हुए. इस फैसले से AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं. उन्होंने जांच को “जानबूझकर घटिया” बताया और मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. ओवैसी ने पूछा, “आखिर 6 नमाजियों को किसने मारा?”

ओवैसी का सरकार पर हमला
ओवैसी ने इस फैसले को “निराशाजनक” बताया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “6 नमाजियों की मौत हुई, 100 लोग घायल हुए. उन्हें उनके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया. जानबूझकर की गई लापरवाही भरी जांच की वजह से आरोपी बरी हुए.” उन्होंने पूछा कि क्या मोदी और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार इस फैसले को चुनौती देगी, जैसा उन्होंने मुंबई ट्रेन धमाकों के मामले में किया था. ओवैसी ने कहा, “17 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला. महाराष्ट्र की ‘सेक्युलर’ पार्टियां जवाबदेही क्यों नहीं मांगतीं? 6 लोगों को किसने मारा?”

राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप
ओवैसी ने जांच में राजनीतिक दखलंदाजी का भी आरोप लगाया. उन्होंने 2016 में अभियोजक रोहिणी सलियन के बयान का जिक्र किया, जिन्होंने कहा था कि एनआईए ने उनसे आरोपियों पर “नरम” रुख अपनाने को कहा था. ओवैसी ने यह भी बताया कि 2017 में एनआईए ने प्रज्ञा ठाकुर को बरी करने की कोशिश की थी, जो बाद में 2019 में बीजेपी सांसद बनीं.

हेमंत करकरे का जिक्र
ओवैसी ने शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने मालेगांव मामले की साजिश उजागर की थी. करकरे 26/11 मुंबई हमले में शहीद हो गए थे. ओवैसी ने बीजेपी सांसद पर निशाना साधा, जिन्होंने करकरे को “श्राप” देने की बात कही थी.

मुआवजा और सवाल
कोर्ट ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया. लेकिन ओवैसी ने पूछा, “क्या एनआईए और एटीएस की गलत जांच के लिए कोई जिम्मेदार होगा? यह वही मोदी सरकार है, जो आतंकवाद पर सख्ती का दावा करती है, लेकिन एक आतंक के आरोपी को सांसद बनाया गया.” 

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