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किसान ने खेतों से निकाला खुशहाली का रास्ता, गांव वालों को दिखाई तरक्की की राह; जानिए कैसे

Agriculture news: किसानों लगातार तकनीक का फायदा उठाते हुए अपनी आय बढ़ा रहे हैं. सरकारी प्रयासों से इतर इस किसान ने एक बड़ा काम करते हुए ग्रामीणों को खुशहाली की राह दिखाई है.

किसान ने खेतों से निकाला खुशहाली का रास्ता, गांव वालों को दिखाई तरक्की की राह; जानिए कैसे
Shwetank Ratnamber|Updated: Mar 23, 2025, 07:31 PM IST
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Solar Panel: गुजरात में राजकोट जिले के पडधरी तालुका के खंभाला गांव के किसान अशोक मकवाणा की जिंदगी में सोलर पैनल ने एक नया मोड़ दिया है. पहले, उन्हें अपनी खेती के दौरान बिजली की असमय आपूर्ति के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. बिजली के बिना काम करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया था, लेकिन प्रधानमंत्री की कुसुम योजना के अंतर्गत उन्होंने सोलर पैनल लगवाने का निर्णय लिया. इस फैसले ने उनकी जीवनशैली को पूरी तरह से बदल दिया है.

छोटी जोत के किसान का बड़ा कमाल
अशोक मकवाणा के पास करीब नौ बीघा का खेत है और उन्होंने सोलर पैनल के जरिए अपने खेतों में पानी की सिंचाई करना शुरू किया. सोलर पैनल के कारण आसानी से बिना किसी खर्चे के खेतों की सिंचाई करते हैं. जबकि पहले उन्हें बिजली के लिए इंतजार करना पड़ता था. इसके अलावा, सोलर पैनल से उनके कुएं और बोरवेल में पानी भरने का काम भी आसानी से हो जाता है. वे ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का भी उपयोग करते हैं, जो जल संरक्षण में मददगार साबित हो रहा है.

सरकार की योजना का लाभ
अशोक मकवाणा का कहना है कि सोलर पैनल के साथ उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है, चाहे मौसम कोई भी हो. मानसून हो या फिर गर्मी, सोलर पैनल हमेशा काम करता है. इसके साथ ही बिजली का बिल भी शून्य हो गया है, जिससे उनके खर्चों में राहत मिली है. उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के लिए वरदान है. उन्होंने अन्य किसानों से भी अपील की है कि वे भी सोलर पैनल लगवाकर सरकार की योजना का लाभ उठाएं, जिससे बिजली के संकट से निजात मिल सके और वे दिन में भी अपनी खेती कर सकें.

समस्या से छुटकारा
अशोक मकवाणा ने बताया कि पहले उन्हें सुबह के वक्त बिजली नहीं मिलती थी, लेकिन अब सोलर पैनल के जरिए उन्हें इस समस्या से छुटकारा मिल गया है. सोलर पैनल का काम बहुत अच्छा है, और इससे बिजली की कोई टेंशन नहीं रहती. वे इसे एक बेहद फायदेमंद और लागत प्रभावी समाधान मानते हैं. बारिश के दिनों में भी यह सिस्टम चलता है, हालांकि, बादल होने पर इसकी कार्यक्षमता थोड़ी कम हो जाती है, लेकिन फिर भी यह हमेशा काम करता रहता है. (इनपुट: IANS)

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