Plane Crash: खबर ये है कि पिछले 24 घंटे में एक और प्लेन क्रैश हो गया. लंदन के साउथएंड एयरपोर्ट पर एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बताया जा रहा है कि ये एक चार्टर विमान था जिसमें दो पायलट और दो पैसेंजर सवार थे. इस हादसे में चारों की मौत हो गई है. इस हादसे को मिलाकर 2025 में अब तक कुल 50 विमान हादसे हो चुके हैं. जिनमें 533 लोगों की जान जा चुकी है. यानी आप साल 2025 को विमान हादसों का साल भी कह सकते हैं.
एक के बाद एक हो रहे विमान हादसों की वजह से अब लोग हवाई यात्रा करने में झिझक रहे हैं. इसी बीच एयरलाइंस को लेकर एक रैंकिंग आई है जिसे आपको देखना चाहिए. दुनिया के 10 सबसे सेफ एयरलाइंस की लिस्ट जारी की गई है.
टॉप रैंकिंग एयरलाइंस
एयर न्यूजीलैंड. दूसरे नंबर पर है ऑस्ट्रेलिया की कंटास. तीसरे नंबर पर कतर एयरवेज. चौथे नंबर पर वर्जिन ऑस्ट्रेलिया
पांचवें नंबर पर एतिहाद और आपको ये जानकर हैरानी होगी कि टॉप 25 सेफ एयरलाइंस की लिस्ट में एक भी भारतीय एयरलाइंस का नाम नहीं है.
सुरक्षित एयरलाइंस की इस रैंकिंग के साथ आज एयर इंडिया के क्रैश हुए विमान को लेकर जो शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है. आज उसके बारे में एक बार फिर चर्चा करना जरूरी है.
12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश के बाद उस विदेशी विमान को क्लीन चिट देने की फिराक में भारतीय पायलट्स को बदनाम करने की मानो साजिश रची जा रही है. शनिवार को DNA में हमने आपको दिखाया था की कैसे पश्चिमी देशों की मीडिया बोइंग को क्लीन चिट देने के लिए कैसे उतारू है. लेकिन जिस तरह से इस रिपोर्ट में अधूरी जानकारी को पब्लिश कर दिया गया है. उससे तो यही कहा जा सकता है कि रिपोर्ट में बताया कम और छिपाया ज्यादा है.
#DNAWithRahulSinha | क्या विमान हादसे अब न्यू नॉर्मल हो गए हैं? 2025 में 50 विमान हादसे हुए, सिलसिला कब थमेगा?
किस देश की एयरलाइंस सबसे सेफ है?#DNA #PlaneCrash #LondonSouthendAirport @RahulSinhaTV pic.twitter.com/KPhflkVgIO
— Zee News (@ZeeNews) July 14, 2025
AAIB यानी Aircraft Accident Investigation Bureau की इस रिपोर्ट को लेकर भारत में एयरलाइन पायलट्स की सबसे बड़ी संस्था ALPA ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं.
-ALPS इंडिया ने एक बयान जारी कर के ये कहा है कि इस रिपोर्ट बिना किसी जिम्मेदारी के मीडिया में लीक किया गया है.
-ALPS इंडिया ने जांच के तरीके को लेकर भी सवाल उठाया है. क्योंकि जांच में किसी पायलट को शामिल नहीं किया गया.
-भारतीय पायलट्स की संस्था ने इंटरनेशनल मीडिया की गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर भी सवाल खड़े किए हैं.
-साथ ही इस रिपोर्ट को लेकर ये कहा गया है कि इसमें पायलट की गलती को जानबूझकर दिखाने की कोशिश की गई है.
इस रिपोर्ट पर सवाल क्यों खड़े हो रहे हैं अब आपको हम इस जांच रिपोर्ट के अधूरे इनवेस्टिगेशन के जरिये समझा देते हैं.
बोइंग को क्लीन चिट कैसे दे दी गई?
रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के फ्यूल स्विच कुछ सेकंड के लिए खुद से हिले, पर ये साफ नहीं किया कि ऐसा क्यों हुआ? ये तो बता दिया की फ्यूअल स्विच बंद हुआ. लेकिन न किसी तकनीकी खराबी की पुष्टि हुई, ना पायलट की गलती मानी गई और ना ही किसी साजिश की संभावना को लेकर कोई साफ जवाब आया. AAIB ने रिपोर्ट में बोइंग से कोई कार्रवाई की जरूरत नहीं बताई. तो सवाल उठता है कि शुरुआती जांच में ही बोइंग को क्लीन चिट कैसे दे दी गई?
इस रिपोर्ट को लेकर यही कहा जा रहा है कि जितना बताया, उससे ज्यादा छिपाया गया है. सवाल अधूरे हैं, रिकॉर्डिंग अधूरी है, और जिम्मेदारी अब भी स्पष्ट नहीं है.
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