Swachh Survekshan Awards 2024-25: स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में एक बार फिर से मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का बोलबाला रहा. लेकिन, गुजरात के अहमदाबाद को बड़े शहरों में सबसे स्वच्छ के तौर पर पहला स्थान मिला है. गुरुवार को प्रेसिडेंट द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में अहमदाबाद को 10 लाख या उससे ज्यादा आबादी वाले शहरों में शीर्ष स्थान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया. इसके अलावा प्रेसिडेंट मुर्मू की मौजूदगी में 75 शहरों को 74 अवॉर्ड चार कैटेगरी में बांटे गए.
इस साल, पुरस्कारों में उन शहरों के लिए एक अलग कैटेगरी शामिल की गई, जो पिछले तीन सालों में अपनी श्रेणियों में टॉप तीन में रहे थे. इस नई कैटेगरी, सुपर स्वच्छ लीग शहरों में पिछले विजेता इंदौर, सूरत और नवी मुंबई शामिल थे. पिछले साल इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से सबसे स्वच्छ शहरों के रूप में मान्यता दी गई थी, जिसमें इंदौर लगातार सातवीं बार टॉप पर रहा था.
देश के सबसे साफ शहरों में इंदौर पहला, छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर दूसरा और कर्नाटक के मैसरु को तीसरा स्थान मिला है. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में गुजरात का अहमदाबाद सबसे स्वच्छ शहर बनकर बाजी मारी है.
भारत के 3 सबसे साफ शहर:-
1.इंदौर
2.अंबिकापुर
3.मैसूर
बड़े शहरों में साफ सिटी:-
1. अहमदबाद
2. भोपाल
3.लखनऊ
सेंट्रल गवर्नमेंट ने 2036 ओलंपिक खेलों के लिए अहमदाबाद को चुना है. इतना ही, केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर अहमदाबाद के लिए ही दावेदारी की है. जबकि, गुजरात के वडोदरा शहर को ओवरऑल 18वीं रैंक मिली है. पिछले साल ये शहर 33वें नंबर पर था. 3 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मीरा भयंदर को टॉप स्थान हासिल हुआ, उसके बाद बिलासपुर और जमशेदपुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्थापित इन पुरस्कारों की शुरुआत 2016 में 73 शहरों के साथ हुई थी. इस साल अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक आयोजित इस सर्वेक्षण में 4,589 शहरों को शामिल किया गया था. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस साल पुरस्कार चार श्रेणियों में प्रदान किए गए: सुपर स्वच्छ लीग शहर; पांच जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष तीन स्वच्छ शहर; विशेष श्रेणी: गंगा शहर, छावनी बोर्ड, सफाई मित्र सुरक्षा, महाकुंभ; और राज्य स्तरीय पुरस्कार - राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के स्वच्छ शहर का वादा.
इसमें यह भी कहा गया है कि पहली बार शहरों को जनसंख्या के आधार पर पांच कैटेगरी में बांटा गया था, जिसमें बहुत छोटे शहर शामिल हैं, जिसकी आबादी 10 लाख है. इस कार्यक्रम में बोलते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मंत्रालय 15 अगस्त को पुराने लैंडफिल के सुधार के लिए एक विशेष एक वर्षीय अभियान शुरू करेगा.
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