trendingNow12839558
Hindi News >>देश
Advertisement

प्लेन भारत का क्रैश हुआ, जांच रिपोर्ट अमेरिका में पहले ही लीक कैसे हो गई? पूछा गया गंभीर सवाल

Air India Plane Crash News: ऐसे समय में जब एयर इंडिया के एमडी कह रहे हैं कि प्रारंभिक रिपोर्ट से काफी चीजें स्पष्ट हो गई हैं और यह पता चल गया है कि बोइंग ड्रीमलाइनर में कोई मेकेनिकल समस्या नहीं थी. भारत की एक वरिष्ठ सांसद ने जांच रिपोर्ट पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने साफ कहा है कि एआई 171 दुर्घटना और उसकी अंतरिम रिपोर्ट के इर्द-गिर्द जो कुछ भी हो रहा है, उस पर खामोश बैठे नहीं रहा जा सकता. 

प्लेन भारत का क्रैश हुआ, जांच रिपोर्ट अमेरिका में पहले ही लीक कैसे हो गई? पूछा गया गंभीर सवाल
Anurag Mishra|Updated: Jul 14, 2025, 01:54 PM IST
Share

Priyanka Chaturvedi on AAIB Report: एयर इंडिया प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच रिपोर्ट जिस तरह से सामने आई, उस पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. आपको याद होगा जिस रात भारत में रिपोर्ट जारी की गई, उससे कुछ घंटे पहले वही जानकारी अमेरिका से लीक हो गई. वहां वॉल स्ट्रीट जर्नल ने फ्यूल स्विच वाले एंगल को पहले ही पब्लिश कर दिया. उसके कुछ घंटे बाद आधिकारिक तौर पर भारत में लोगों को पता चला. अब राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस लीक और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की अंतरिम जांच रिपोर्ट के बाबत गंभीर चिंता जताई है. 

नागरिक विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू को भेजे लेटर में उन्होंने कहा है कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि एएआईबी रिपोर्ट की संवेदनशील जानकारी विदेशी समाचार एजेंसी के पास पहले से ही न केवल उपलब्ध थी बल्कि भारत में आधिकारिक रिलीज से पहले ही 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने प्रकाशित कर दिया. इससे यह गंभीर सवाल उठता है कि भारतीय जनता और संबंधित हितधारकों तक जानकारी पहुंचने से पहले विदेशी संस्थाओं के पास रिपोर्ट की डीटेल कैसे पहुंच गई?

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक विमान ने जैसे ही 08:08:42 UTC पर 180 नॉट्स की अधिकतम गति हासिल की थी, उसी समय इंजन 1 और इंजन 2 के फ्यूल कटऑफ स्विच एक-एक कर RUN से CUTOFF हो गए. इसके कारण दोनों इंजनों की ताकत घटने लगी. 

एयर इंडिया हादसे की जांच रिपोर्ट यहां पढ़िए

मृत पायलटों के खिलाफ आरोप निंदनीय

प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि इस तरह की लीक न केवल हमारे विमानन सुरक्षा संस्थानों की विश्वसनीयता को कमजोर करती है बल्कि सूचना सुरक्षा और प्रोटोकॉल में गंभीर चूक को भी दर्शाती है. उन्होंने साफ कहा कि मृत पायलटों के खिलाफ इशारों में आरोप और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के खड़े किए गए नरैटिव पूरी तरह से निंदनीय हैं. मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म के जरिए इस तरह की अटकलें हमारे उन पायलटों को बदनाम करने की भयावह कोशिश है, जो अपना पक्ष रखने के लिए जीवित नहीं हैं. यहां तक कि पायलट संघों ने भी इस पर अपनी आपत्तियां जताई हैं.

राज्यसभा सांसद ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि रिपोर्ट देर रात चुपचाप जारी कर दी गई, बिना किसी सार्वजनिक ब्रीफिंग के, बिना किसी हस्ताक्षर वाले अंतरिम निष्कर्षों के. इसे जारी करने की प्रक्रिया पर कोई स्पष्टता नहीं है. ऐसे महत्वपूर्ण मामले में पारदर्शिता की कमी से भी चिंताएं पैदा होती हैं कि किसके हितों को पुष्ट किया जा रहा है. और क्या उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है? 

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी से सांसद प्रियंका ने सरकार के सामने चार मांगें रखी हैं. 

1. भारत में आधिकारिक रूप से जांच रिपोर्ट रिलीज होने से पहले विदेशी मीडिया में जानकारी लीक कैसे हुई? इसकी फॉर्मल जांच हो. 

2. जवाबदेही में पारदर्शिता हो. जांच पैनल के सभी सदस्यों के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए और अंतरिम रिपोर्ट पर हर पैनल सदस्य के हस्ताक्षर होने चाहिए. 

3. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से मीडिया को दिशानिर्देश जारी किए जाने चाहिए कि AAIB जैसी नियामक और जांच संस्थाओं की अंतरिम रिपोर्टों की रिपोर्टिंग कैसे की जानी चाहिए. इसका विमानन कर्मियों, एयरलाइन संचालन और दुनियाभर में जनता की धारणा पर उसका क्या प्रभाव पड़ सकता है. 

4. तकनीकी सटीकता और हितधारकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए ऐसी जांच के हर चरण में अनुभवी एविएटर्स को जांचकर्ता के रूप में या योग्य पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किया जाना चाहिए. 

Read More
{}{}