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तो फिर 6 नमाजियों का कातिल कौन...मुंबई ट्रेन धमाकों के केस की तरह मालेगांव पर भी SC में जाएगी सरकार?

Malegaon Blast: साल 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले में  NIA कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. जिसके बाद  महाराष्ट्र एआईएमआईएम अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा कि अब ऐसे फैसले पर महाराष्ट्र सरकार क्या करेगी?

तो फिर 6 नमाजियों का कातिल कौन...मुंबई ट्रेन धमाकों के केस की तरह मालेगांव पर भी SC में जाएगी सरकार?
Abhinaw Tripathi |Updated: Jul 31, 2025, 07:28 PM IST
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Malegaon Blast: साल 2008 में मालेगांव में हुए विस्फोट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस विस्फोट के 17 साल बाद एनआईए कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. एक तरफ NIA कोर्ट के इस फैसले का सत्ता पक्ष स्वागत कर रहा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है. कोर्ट के इस फैसले पर AIMIM प्रमुख ओवैसी ने गहरी नाराजगी जताई और अब महाराष्ट्र एआईएमआईएम अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा कि अब ऐसे फैसले पर महाराष्ट्र सरकार क्या करेगी ये भी फैसला महाराष्ट्र में हुए ट्रेन विस्फोट से जुड़े फैसलों जैसा है.

क्या बोले AIMIM अध्यक्ष इम्तियाज जलील?
ANI से बात करते हुए इम्तियाज जलील ने कहा कि जब भी ऐसे फैसले आते हैं, एक सवाल उठता है. यह फैसला कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में हुए ट्रेन विस्फोट से जुड़े फैसलों जैसा है. 19 साल जेल में रहने के बाद, ट्रेन विस्फोट के दोषियों को निर्दोष बताते हुए बरी कर दिया गया था. इस फैसले के तुरंत बाद महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और कहा कि वे इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकते. ऐसे में सवाल ये पैदा होता है कि इस फैसले पर महाराष्ट्र सरकार क्या करती है.

इसके अलावा आगे बोलते हुए कहा कि ट्रेन विस्फोट 2006 में हुआ था और अब 2025 में हम ये ढूंढ़ने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर विस्फोट किसने किया था. कौन है इसके पीछे? तो हमारे पास जवाब शून्य है हमें कोई नहीं बताया. आखिर में कहा कि सवाल एटीएस के ऊपर खड़े होते हैं, सवाल एनआईए के ऊपर खड़े होते हैं. 

 

ओवैसी ने भी उठाया है मुद्दा
इससे पहले ओवैसी ने फैसले पर नाराजगी जताते हुए एक ट्वीट किया और लिखा कि मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है. विस्फोट में छह नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए. उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया, जानबूझकर की गई घटिया जांच/अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए ज़िम्मेदार है. विस्फोट के 17 साल बाद, अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी? जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के "धर्मनिरपेक्ष" राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन छह लोगों की हत्या किसने की?

 

F&Q
सवाल- मालेगांव विस्फोट में कितने लोगों की जान गई थी?
जवाब- मालेगांव विस्फोट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 95 घायल हुए थे.

सवाल- मुंबई में ट्रेन ब्लास्ट कब हुआ था?
जवाब- साल 2006 में मुंबई ट्रेन ब्लास्ट हुआ था. इसमें 189 लोगों की मौत हुई थी.

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