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I-STAR: इंडियन एयरफोर्स को मिलने जा रही सुपरपावर, एलीट क्लब में एंट्री; नाम सुनकर भागेगी चीन-PAK की फौज

IAF News: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को एक और अदृश्य शक्ति मिलने वाली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक  एयरफोर्स को करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत से बने स्पेशल जासूसी विमान मिलेंगे.  

I-STAR: इंडियन एयरफोर्स को मिलने जा रही सुपरपावर, एलीट क्लब में एंट्री; नाम सुनकर भागेगी चीन-PAK की फौज
Shwetank Ratnamber|Updated: Jun 11, 2025, 06:19 PM IST
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I-STAR Spy Planes: भारतीय वायुसेना जल्द ही दुनिया की टॉप 3 एयरफोर्स (3rd largest air forces in world ranking) में शुमार हो सकती है. आईएएफ (IAF) को लगातार एडवांस बनाने और अपग्रेड करने के लिए लगातार काम हो रहा है. एयरफोर्स की ताकत बढ़ने के साथ उसकी अदृश्य शक्तियों को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. इस बीच खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच रक्षा मंत्रालय 3 अत्याधुनिक जासूसी विमान खरीदने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार करने जा रहा है, जिससे भारतीय वायुसेना को रडार स्टेशनों, एयर डिफेंस यूनिट्स और अन्य मोबाइल टारगेट्स जैसे दुश्मन के जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमले करने के लिए हवा से जमीन तक की स्पष्ट तस्वीर मिल सके.

प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी- सूत्र

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा अधिकारियों ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि खुफिया, निगरानी, ​​लक्ष्य प्राप्ति और टोही (I-Star) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को जून के चौथे सप्ताह में होने वाली उच्च स्तरीय रक्षा मंत्रालय की बैठक में मंजूरी के लिए रखे जाने की उम्मीद है. आईएसटीएआर बलों को हवा से जमीन पर निगरानी प्रदान करता है, ताकि उन्हें सटीक हमले करने में मदद मिल सके.

मेड इन इंडिया पर फोकस

रक्षा अनुसंधान और विकास (DRDO) द्वारा विकसित की जा रही जासूसी विमान परियोजना में बोइंग और बॉम्बार्डियर सहित विदेशी निर्माताओं से खुली निविदा के माध्यम से तीन विमानों का अधिग्रहण शामिल है. उन्होंने कहा कि विमान पर लगे ऑनबोर्ड सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी होंगे, क्योंकि डीआरडीओ के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स ने उन्हें पहले ही सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है.

एलीट क्लब में शामिल होगा भारत

उन्होंने कहा कि ये प्रणालियां पहले ही CABS द्वारा डेवलप और टेस्ट की जा चुकी हैं और उन्हें केवल उन तीन विमानों के साथ एकीकृत करना होगा जिन्हें इस खास मकसद के लिए अधिग्रहित और संशोधित किया जाएगा. ISTAR प्रणाली के विकास से भारत भी अमेरिका, ब्रिटेन, इज़राइल और कुछ अन्य देशों सहित ऐसी क्षमता वाले चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा.

ISTAR की ताकत

इस प्रकार ISTAR गतिशील और समय-संवेदनशील लक्ष्यीकरण क्षमता प्रदान करता है और राष्ट्र के सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है. यह अज्ञात शत्रुतापूर्ण खतरों के पैमाने और जटिलता को सीमित करने में सहायता करेगा। इसमें अनियमित बलों का पता लगाने, उनका पता लगाने और निगरानी करने के लिए बहु-स्पेक्ट्रल निगरानी क्षमता है.

I-STAR प्रणाली स्टैंड-ऑफ रेंज से दिन और रात खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी करने और टारगेट पर लेने के लिए होगी.

ISTAR प्रणाली बड़ी स्टैंड-ऑफ रेंज से उच्च ऊंचाई पर संचालित की जाती है और इसका उपयोग खुफिया प्रसंस्करण, शोषण, प्रसार और सामान्य परिचालन चित्र बनाने के लिए किया जाएगा.

ISTAR विमान एक ऐसी प्रणाली होगी जिसमें हवाई और जमीनी ब्लॉक शामिल होंगे.

वैश्विक रूप से भारतीय वायुसेना किस पायदान पर है?

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ सालों में कई देशों ने अपनी एयरफोर्स के आधुनिकीकरण और विस्तार में भारी निवेश किया है. यहां हम आपको दुनिया की 4 सबसे बड़ी और शक्तिशाली वायु सेनाओं (Top 4 Largest Air Forces In World) के बारे में बता रहे हैं. जिनकी गिनती सैन्य विमानों की संख्या और तकनीकी क्षमता के आधार पर की गई है. 

अमेरिकी एयरफोर्स दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेना: अमेरिका के पास 14,486 एयरक्राफ्ट है जो दुनिया की सबसे बड़ी और एडवांस वायु सेना अमेरिका के पास है. यूएस एयर फोर्स के पास: 5,057 जेट, यूएस आर्मी के पास 5,714 और यूएस नेवी यानी अमेरिकी नौसेना के पास 2,438 विमान और यूएस मरीन और अन्य सिक्योरिटी फोर्स के पास 1,277 फाइटर जेट हैं. अमेरिकी बेड़े में फिफ्थ जेन अत्याधुनिक फाइटर जेट्स (F-22, F-35), बमवर्षक (B-2, B-52) और व्यापक रडार एवं ड्रोन सिस्टम हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वायु सेना सबसे मजबूत और बेजोड़ है. यूएस एयरफोर्स बेड़ा रूस, चीन, भारत, साउथ कोरिया और जापान की संयुक्त हवाई क्षमताओं से भी ज्यादा है. अमेरिकी बेड़े में 5,737 हेलीकॉप्टर/चॉपर हैं. अमेरिकी फौज का सालाना बजट $800 बिलियन डॉलर है, जो कि पूरी दुनिया के सैन्य खर्च का करीब 40 फीसदी है.

रूस किसी से कम नहीं है. रूस के पास 4,211 एयरक्राफ्ट हैं. इस हिसाब से रूसी एयरफोर्स दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वायु सेना है. पुतिन की एय: 3,908 फाइटर जेट हैं. वहीं रूसी नौसेना के पास 303 से ज्यादा फाइटर जेट हैं. रूसी बेड़े में फिफ्थ जेन Su MKI, MiG-29, Su-30, Su-35 जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान हैं.

चीन के पास है तीसरी बड़ी वायु सेना: चीन के पास 3,304 एयरक्राफ्ट है. चीन लगातार तेजी से अपनी एयर पावर बढ़ा रहा है.चीनी वायु सेना के पास 2,010 चीन की सेना PLA के पास 859 जंगी जेट और जिनपिंग की नौसेना के पास 435 विमान हैं. चीनी बेड़े में J-20 जैसे स्टील्थ फाइटर और सैकड़ों ड्रोन उसकी ताकत हैं. वहीं भारत भी अपनी हवाई ताकत लगातार बढ़ा रहा है.

भारत दुनिया की चौथी बड़ी एयरफोर्स: इंडियन एयरफोर्स के पास करीब 2300 फाइटर एयरक्राफ्ट्स का बेड़ा है. भारतीय वायुसेना चौथी सबसे बड़ी एयरफोर्स है. इंडियन एयरफोर्स के पास 1776 फाइटर जेट, आर्मी के पास 267 विमान और नौसेना के पास भी 253 एडवांस जेट हैं. भारतीय बेड़े में राफेल, Su-30 MKI, Mirage 2000 और तेजस जैसे बेहद खतरनाक और एडवांस फाइटर जेट मौजूद हैं. अब आई-स्टार की ताकत मिलने से भारत की वायुसेना की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.

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