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Plane Crash Survivor: प्लेन क्रैश में अकेले बचे विश्वास कुमार रमेश रोने क्यों लगे? किसकी अर्थी को दिया कंधा

Vishwas Kumar Ramesh Emotional: अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बचे विश्वास कुमार रमेश काफी भावुक दिखे. वह अपने भाई के साथ लंदन लौट रहे थे जब प्लेन क्रैश हुआ था. भाई को अंतिम विदाई देने के लिए कंधा दिया तो आसपास के लोग भी रो पड़े. 

Plane Crash Survivor: प्लेन क्रैश में अकेले बचे विश्वास कुमार रमेश रोने क्यों लगे? किसकी अर्थी को दिया कंधा
Anurag Mishra|Updated: Jun 19, 2025, 07:50 AM IST
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Vishwas Kumar Ramesh brother cremation in Diu: अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश अस्पताल से बाहर निकले और जोर-जोर से रोने लगे. 12 जून को हुए हादसे में वह अकेले जीवित बचे थे. 18 जून को दीव के पटेलवाड़ी में आंसुओं का सैलाब था. विश्वास कुमार अपने भाई की अर्थी को कंधा देने लगे तो फफक कर रो पड़े. अजय उनके साथ ही लंदन जा रहे थे लेकिन हादसे में वह नहीं बचे. यह प्लेन अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ा ही था और कुछ सेकेंड बाद एयरपोर्ट से थोड़ी दूरी पर क्रैश हो गया. 

विश्वास अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हैं. आंख के ऊपर और नीचे पट्टी देखी जा सकती है. वह ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे. परिजन उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह बिलख रहे थे. उनको देख आसपास के लोग भी रोने लगे. 40 साल के ब्रिटिश नागरिक रमेश उस दिन 11ए सीट पर बैठे थे. 241 लोगों में से वही इकलौते जीवित बचे. उनके भाई अजय कुमार रमेश 45 साल के थे और वह दूसरी लाइन में बैठे थे. उनका परिवार दीव से ताल्लुक रखता है. 

आज दीव में गम का बेहद माहौल था. रमेश के परिजन जब अर्थी लेकर चले तो महिलाएं दौड़ पड़ीं. आंखों में आंसू लिए रमेश अपने भाई को अंतिम विदाई देने के लिए खुद कंधा दिए. वह ठीक से चल नहीं पा रहे थे. लोगों ने कहा भी लेकिन वह नहीं माने. रास्ते भर रोते रहे. महिलाएं चिल्ला रही थीं कि एक बार चेहरा दिखा दीजिए. अंतिम संस्कार के समय भारी भीड़ उमड़ी. हर तरफ आंसू ही आंसू थे. सोशल मीडिया पर वीडियो आया तो लोगों ने गहरा दुख जताया.

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एक यूजर ने लिखा कि सोचिए दोनों भाई साथ ही प्लेन में बैठे होंगे और आज रमेश पर क्या गुजर रही होगी. वह बच गए लेकिन बड़े भाई अब इस दुनिया में नहीं हैं. 

विश्वास के परिवारवालों को पहले ही यूके से बुला लिया गया था. अस्पताल से विश्वास को मंगलवार शाम 7.30 बजे छुट्टी मिली और डीएनए मैच होने के बाद उनके भाई के पार्थिव शरीर को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. ये दोनों दीव में परिजनों के साथ कुछ समय बिताने के बाद परिवार के पास लंदन जा रहे थे जब प्लेन क्रैश हुआ. 

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