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'ब्रह्मास्त्र' लाने रूस जाएंगे NSA अजीत डोभाल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद और देरी नहीं करेगा भारत

India Russia Defense Deal: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और पुख्ता करने का फैसला किया है. खासकर वो हथियारों की आपूर्ति में और देरी नहीं करना चाहता, जिनकी खरीद दूसरे देशों से की गई है. 

ajit doval russia air defense system
ajit doval russia air defense system
Amrish Kumar Trivedi|Updated: May 23, 2025, 11:04 AM IST
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IAF S-400 Air Defense System Resiment: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इसी महीने रूस की अहम यात्रा पर जाने वाले हैं, जहां वो एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के बाकी बचे बेड़े की जल्द आपूर्ति को लेकर रूस के उच्च अधिकारियों से वार्ता करेंगे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को नाकाम करने में ये मिसाइल रक्षा कवच प्रणाली भारत के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हुई थी. सूत्रों का कहना है कि भारत डिफेंस सिस्टम की नई खेप का ऑर्डर भी दे सकता है. डोभाल मॉस्को में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के 13वें सम्मेलन में शिरकत भी करेंगे. ये सम्मेलन 27 से 29 मई के बीच मॉस्को में होगा. 

एयर डिफेंस सिस्टम की दो खेप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की कोशिश है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उसके हथियारों और कलपुर्जों की आपूर्ति और मरम्मत का काम प्रभावित न हो पाए. भारत को अभी एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की दो खेप और मिलनी हैं. साथ ही परमाणु चालित पनडुब्बी भी रूस से जल्दी हासिल करनी है. भारत 21 हजार करोड़ में इसे 10 साल के लिए लीज पर ले रहा है. भारत ने रूस से चार क्रिवाक-3 श्रेणी के चार युद्धपोतों की खरीद का समझौता भी किया है. इसमें दो रूस से आएंगी और बाकी दो का गोवा शिपयार्ड में निर्माण होना है.

40 हजार करोड़ का करार
भारत ने अमेरिका के दबाव को दरकिनार करते हुए रूस से 40 हजार करोड़ रुपये में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का समझौता किया था. ये प्रणाली दुश्मन देश के किसी बम, लड़ाकू विमान, मिसाइल या ड्रोन को 380 किलोमीटर की रेंज में हवा में मार गिरा सकती है. चीन औऱ पाकिस्तान जैसे पड़ोसी मुल्कों को देखते हुए ये भारत के लिए बेहद अहम है. 

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राजनाथ सिंह ने भी उठाया था मुद्दा
इससे पहले दिसंबर में मॉस्को दौरे पर राजनाथ सिंह ने एस-400 ट्रॉयंफ सरफेस टू एय़र मिसाइल सिस्टम की बाकी दो खेप की जल्द आपूर्ति का मुद्दा उठाया था.रूस एस-400 की तीन खेपों की आपूर्ति अब तक कर चुका है. राजनाथ ने मिसाइल रक्षा प्रणाली के कलपुर्जे, मरम्मत और रखरखाव में दिक्कतों का मुद्दा भी उठाया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए 9 मई को  रूस जाने वाले थे. हालांकि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये रद्द हो गया. उनकी जगह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जाने वाले थे, लेकिन उनका भी मॉस्को दौरा रद्द हो गया.

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