India Vs Pakistan China: ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद देश का एक बड़ा तबका पाकिस्तान से हर किस्म का संबंध खत्म करना चाहता है. वहीं भारत के अंदर और बाहर एक ऐसा तबका ऐसा भी है जो लगातार ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल उठाता रहा है. इस सैन्य अभियान में भारत के नुकसान की जानकारी मांगता रहा है. इस तबके को आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने जवाब दिया.
सबूत गैंग चाहता क्या है?
एक सवाल ये पूछा गया था कि भारत ने जिन आतंकी ठिकानों पर हमले किए, क्या उसमें वाकई आतंकी मारे गए थे. इसका जवाब मसूद अजहर के परिवार के उन ताबूतों से मिला. जिनके वीडियो पाकिस्तान से सामने आए थे एक और सबूत मांगा गया आदमपुर एयरबेस को लेकर. इस गैंग से जुड़े लोगों ने पूछा कि पाकिस्तान के मिसाइल अटैक में आदमपुर एयरबेस को कितना नुकसान पहुंचा है.
इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पर जाकर दिया और तीसरा या यूं कहें कि सबसे बड़ा सवाल पूछा गया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत के कितने राफेल विमान पाकिस्तान ने गिरा दिए इसका जवाब खुद राफेल विमान बनाने वाली कंपनी से आया, जिसने साफ कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सिर्फ एक विमान को नुकसान पहुंचा और उसकी वजह तकनीकी खराबी थी ना कि पाकिस्तानी कार्रवाई.
सेना के शौर्य के सबूत मांगने वालों को, एक सबूत हम भी देना चाहते हैं. ये सबूत भी उसी सवाल से जुड़ा है कि पाकिस्तान ने भारत के कितने राफेल विमान गिराए थे. अमेरिकी वायुसेना के एक पूर्व फाइटर पायलट ने अपने आंकलन में ऑपरेशन सिंदूर में राफेल की भूमिका को लेकर अहम जानकारी दी है. भारतीय वायुसेना की राफेल से जुड़ी ये रणनीति आपको भी गौर से समझनी चाहिए.
चीन भी खा गया गच्चा
इस आंकलन में बताया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपने राफेल विमानों को GUARD-X तकनीक से लैस किया था. GUARD-X एक ऐसी तकनीक है जो खासतौर पर राफेल के लिए तैयार की गई है. इस तकनीक में उड़ान के दौरान राफेल से एक छोटा पॉड निकलता है. जो विमान से तार के जरिए जुड़ा रहता है इस पॉड से बिल्कुल वैसे ही सिग्नल छोड़े जाते हैं जो राफेल के होते हैं यही भारतीय वायुसेना ने भी किया था.
जब राफेल से ये पॉड्स निकले तो पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा प्रणाली ने इन्हें राफेल विमान समझा और एक पॉड को तबाह करने के बाद दावा किया कि भारतीय वायुसेना के राफेल फाइटर जेट को गिरा दिया गया है.
भारत में राफेल गिराए जाने को लेकर सवाल उठे तो चीन में राफेल की ऐसी दहशत फैली कि फ्रांस की इंटेलिजेंस एजेंसी को हरकत में आना पड़ा. फ्रांसीसी एजेंसियों की जांच में सामने आया था कि दुनिया भर में स्थित चीनी दूतावासों ने स्थानीय मीडिया के जरिए राफेल को कमजोर दिखाने का प्रोपेगेंडा किया था. फ्रांस में चीनी राजनयिकों की करतूत का पर्दाफाश हुआ तो दूसरी तरफ ग्रीस में राफेल के खिलाफ चीन की एक और साजिश का खुलासा हुआ है. इस साजिश के तार कितने गहरे हैं ये भी आपको गौर से देखना चाहिए.
चीन क्यों परेशान है जो राफेल की जासूसी करवा रहा?
ग्रीस की मिलिट्री पुलिस ने चीन के चार नागरिकों को गिरफ्तार किया है. ये नागरिक ग्रीस के एक एयरबेस के नजदीक पकड़े गए थे और जब इनकी जांच की गई तो इनके फोन और लैपटॉप से ग्रीस की वायुसेना के राफेल विमानों की तस्वीरें मिली थीं. जिससे साफ हो गया कि ये चारों राफेल से जुड़ी जानकारियां जुटा रहा थे. पकड़े गए चीनी नागरिकों में तीन पुरुष और एक महिला हैं जिनके ऊपर अब जासूसी के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
#DNAWithRahulSinha | सबूत मांगने वालों को सीधा-सख्त जवाब.... 'ऑपरेशन सिंदूर' पर डोवल का 'स्पेशल सेशन'!
सबूत मांगने वालों को जवाब, एक कार्यक्रम के दौरान NSA डोवल का बयान, कहा- 'भारत को नुकसान नहीं पहुंचा पाया पाकिस्तान, भारत को नुकसान का एक सबूत नहीं दिखा पाए'#DNA #AjitDoval… pic.twitter.com/z0jp7UK4yM
— Zee News (@ZeeNews) July 11, 2025
ऑपरेशन सिंदूर ने चीन को ये बता दिया कि भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स के सामने उसके J-10 या JF-17 विमान कहीं नहीं टिकते. शायद यही वजह है कि अभी चीन की एयरफोर्स के चीफ पाकिस्तान गए थे. मुलाकात को लेकर कहा गया कि मीटिंग का मकसद चीन-पाकिस्तान की वायुसेना के बीच सहयोग बढ़ाना है. लेकिन बाद में चीन की सरकारी मीडिया ने ही कबूल लिया कि उनके एयरचीफ के पाकिस्तान दौरे की वजह ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुई रणनीति को समझना था.
चीन को भारत की शक्ति और रणनीति समझ आ चुकी है. अब सबूत मांगने वाले गैंग को भी समझ लेना चाहिए कि प्रोपेगेंडा के लिए उन्हें सेना के शौर्य पर सवाल नहीं उठाने चाहिए और अगर अब भी समझ नहीं आया तो उन्हें भारत के पूर्व आर्मी चीफ जनरल जे जे सिंह का यह कथन पढ़ना चाहिए.
जनरल जेजे सिंह ने एक बार कहा था-'We fight to win and win with a knockout because there are no runners-up in war'. यानी युद्ध में भारतीय सेना सिर्फ जीतने के लिए नहीं उतरती, बल्कि भारतीय सेना का मकसद होता है दुश्मन को नॉकआउट करना ताकि वो दोबारा उठने की हिम्मत ना कर पाए तो जो सेना ऐसा लक्ष्य लेकर युद्ध के मैदान में उतरती हो उसके शौर्य और उपलब्धियों पर सवाल उठाना अपना मजाक उड़ाने से ज्यादा कुछ नहीं है.
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