Akal Takht: सिखों की सर्वोच्च अस्थायी संस्था अकाल तख्त ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल को सजा सुनाई है. साथ ही सुखबीर के पिता और पंजाब के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम सम्मान छीन लिया गया है.
सुखबीर बादल को दी गई सज
सजा के तौर पर सुखबीर बादल और तत्कलीन अकाली सरकार में कैबिनेट मंत्रियों को गोल्डन टेंपल में जूठे बर्तन और शौचालय साफ करने की सजा दी गई है. दो महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया गया था.
VIDEO | Five high priests headed by Akal Takht Jathedar Giani Raghbir Singh pronounce punishment for former Punjab deputy CM Sukhbir Singh Badal for religious misconduct.
On August 30, Sukhbir was declared ‘tankhaiya’ by Akal Takht, which held him guilty of religious misconduct… pic.twitter.com/MwPKXI1OS3
— Press Trust of India (@PTI_News) December 2, 2024
सुखबीर बादल को लेकर पांच सिंह साहिबानों की अकाल तख्त में सोमवार को बैठक हुई. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने सुखबीर की पार्टी शिरोमणि अकाली दल की कार्यसमिति को आदेश दिया है कि वह तीन दिन के भीतर सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने के बाद अकाल तख्त को रिपोर्ट करे.
विवादास्पद फैसलों की वजह से दी गई सजा
सुखबीर बादल और उनके कैबिनेट के सदस्य रहे नेताओं को अकाली दल सरकार के साल 2007 से 2017 तक के कार्यकाल में लिए गए विवादास्पद फैसलों के कारण सजा सुनाई गई है. ज्ञानी रघबीर सिंह ने अकाल तख्त के मंच से दोषी अकाली नेताओं से गले में पट्टिकाएं पहनने को कहा, ताकि यह संदेश जाए कि उन्होंने अपना दोष स्वीकार कर लिया है.
अकाल तख्त ने दिवंगत प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम तमगा भी वापस लेने का फैसला यह ध्यान में रखते हुए किया क्योंकि जब गलतियां की गईं तब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे और इन गलतियों की वजह से सिख धर्म और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची.
लंगर हॉल में भी करेंगे सेवा
30 अगस्त को सुखबीर को 'धार्मिक सजा' के तहत 'तनखैया' घोषित कर दिया गया. हाल ही में उनके पैर में हेयरलाइन फ्रैक्चर होने की वजह से उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सुखबीर को व्हीलचेयर पर बैठ गार्ड की ड्रेस में स्वर्ण मंदिर के एंट्री गेट पर सेवा करने के लिए कहा गया. उम्र और स्वास्थ्य की वजह से सुखदेव ढींडसा को भी इसी तरह की सजा सुनाई गई है. इन लोगों को गुरु रामदास जी लंगर हॉल में भी सेवा करने को कहा गया है.
तख्त ने इन गलतियों को पाप करार दिया और सुखबीर से 2007-2017 के दौरान पार्टी के शासन के दौरान लिए गए विवादास्पद फैसलों से जुड़े उसके सवालों का 'हां' या 'नहीं' में जवाब देने को कहा.
कार्यवाही की शुरुआत सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2015 में दी गई विवादास्पद माफी से हुई, जिन पर ईशनिंदा के आरोप लगे थे.
ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर से डेरा प्रमुख को माफी दिलाने में उनकी 'संदिग्ध भूमिका' के बारे में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की सच्चाई सामने लाने को कहा.
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