trendingNow12688838
Hindi News >>देश
Advertisement

प्राइवेट पार्ट को छूना रेप की कोशिश नहीं तो क्या है? कोर्ट की टिप्पणी पर महिला सांसदों के गंभीर सवाल

इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक टिप्पणी पर देशभर में नाराजगी देखी जा रही है. कुछ लोग डिबेट में तो कुछ लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी जता रहे हैं. अब केंद्रीय मंत्री और महिला सांसदों ने भी इस पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है.

प्राइवेट पार्ट को छूना रेप की कोशिश नहीं तो क्या है? कोर्ट की टिप्पणी पर महिला सांसदों के गंभीर सवाल
Anurag Mishra|Updated: Mar 21, 2025, 04:49 PM IST
Share

इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज की महिलाओं से बलात्कार के संबंध में की गई टिप्पणी पर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख, राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की.

संसद की कार्यवाही में शामिल होने आई स्वाति मालीवाल ने संसद भवन परिसर में कहा, 'इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी मेरी समझ से बिल्कुल गलत है. एक बच्ची के साथ इतना गलत किया गया, इलाहाबाद हाई कोर्ट उस पर कह रहा है कि यह रेप करने की कोशिश नहीं थी. तो फिर रेप करने की कोशिश क्या है? मेरी नजर में यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बयान है. इससे समाज में बहुत खतरनाक संदेश जाता है. सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए.'

केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा, 'हम अदालत का सम्मान करते हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जो टिप्पणी की गई है, वह कहीं से भी शोभा नहीं देती. इस वजह से बहुत से फैसले लिए गए हैं, इससे उस पर भी प्रभाव पड़ेगा. इससे गलत करने से लोगों की मानसिकताएं और बढ़ेंगी. हमें लगता है कि हाई कोर्ट को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी से समाज में गलत संदेश जाएगा. रिश्तों पर भी इसका असर होगा.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि नाबालिग लड़की के गुप्तांगों को स्पर्श करना और उसे पुलिया के नीचे खींचने को बलात्कार या बलात्कार की कोशिश नहीं माना जा सकता है. अदालत ने यह टिप्पणी एक 11 साल की बच्ची के साथ हुई घटना की सुनवाई के दौरान की और आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया. (आईएएनएस)

Read More
{}{}