Amarnath Yatra 2025: आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देते हुए भगवान शिव के भक्तों ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले के बावजूद इस साल अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं का जबरदस्त जोश देखने को मिल रहा है और इसने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. तीर्थयात्रा के पहले 6 दिनों में 1 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन किए.
8 जुलाई 2025 तक पहले छह दिनों में 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किए. 3 जुलाई को कपाट खुलने के दिन 12000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गुफा के दर्शन किए, लेकिन यह संख्या बढ़ती रही और सोमवार को यह तादाद सबसे ज्यादा रही, जब 23857 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए. आज 8 जुलाई को भी दो मार्गों नुनवान-पहलगाम और बालटाल के माध्यम से तीर्थयात्रियों की संख्या काफी रही. अमरनाथ यात्रा के पहले हफ्ते में ही 1 लाख का आंकड़ा पार करने का इतिहास बनाते हुए करीब 20000 तीर्थयात्रियों के पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन करने की उम्मीद है.
22 अप्रैल को 3.50 लाख से ज्यादा भक्तों ने 2025 की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन हमले के बाद अचानक कमी देखी गई और केवल 85000 ही आने को तैयार हुए, लेकिन व्यवस्थाओं और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए जम्मू से कश्मीर तक ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन के लिए भारी भीड़ देखी गई, क्योंकि यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर लोगों में डर खत्म हो गया था.
आतंकवादी भय के बावजूद पहले सप्ताह में भारी भीड़ से पता चलता है कि 2025 पिछले रिकॉर्ड को छू सकता है या उससे तोड़ सकता है. पिछले साल यात्रा के दौरान रिकॉर्ड 512,000 भक्तों ने दर्शन किए थे. इस साल भक्तों की अंतिम तीर्थयात्रा संख्या अभी कहना मुश्किल है, क्योंकि यात्रा 9 अगस्त 2025 को समाप्त होने वाली है जो 38 दिनों तक चलेगी, शुरुआती आंकड़ों से ऐसा लग रहा है कि पिछले वर्षों के रिकॉर्ड टूट जाएंगे.
तीर्थयात्री इस साल यात्रा के लिए अधिकारियों की तैयारियों से काफी संतुष्ट हैं, चाहे वह रसद हो या सुरक्षा, हर व्यवस्था की तारीफ की गई है. तीर्थयात्री भगवान शिव के भक्तों के लिए ऐसी व्यवस्था करने के लिए पीएम मोदी को क्रेडिट देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भगवान शिव और मोदी उनके साथ हैं और किसी को भी आतंकवादियों की चिंता नहीं करनी चाहिए. वे दस लोगों को मार देंगे लेकिन दस हजार यहां खड़े रहेंगे और हम तीर्थयात्रा के लिए आते थे और आते रहेंगे.
राहुल शर्मा ने कहा,'हमले के बाद कोई डर नहीं है, अगर पहले 3 लाख आए थे तो अब 10 लाख आएंगे, हमारी सेना नंबर वन है. अगर वे 10000 लोगों को मारते हैं तो यह आतंकवादियों को जवाब है, हम यहां खड़े रहेंगे, मोदी सरकार जब तक है कोई कुछ नहीं कर सकता, हर किसी की जम्मू कश्मीर और सेना की मदद कर रही है.'
तीन स्तरीय सुरक्षा ग्रिड तैनात की गई थी, जिसमें 581 से ज्यादा कंपनियां श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जम्मू से कश्मीर तक तैनात हैं, उनके अलावा पुलिस, सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एसएसबी पवित्र गुफा से लेकर यात्रा के सभी मार्गों पर तैनात हैं. दोनों मार्गों पर एआई-संचालित सीसीटीवी निगरानी और उन्नत निगरानी सिस्टम इंस्टाल किया गया है. इसके अलावा तीर्थयात्रियों और गाड़ियों की रियलटाइम ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी कार्ड शामिल हैं, ताकि कोई भी संदेहजनक आवाजाही न हो सके.
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