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400 से अधिक की मौत, 3000 लापता, 20 साल पहले अंडमान-निकोबार में क्रिसमस के एक दिन बाद क्या हुआ था?

Tsunami survivors of Andaman Nicobar: आज पूरे देश में क्रिसमस की धूम है. लेकिन 26 दिसंबर 2004 को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में क्रिसमस के एक दिन बाद कुछ ऐसा हुआ कि 20 साल बाद भी लोग आज उस दर्द को भूल नहीं पाएं हैं. जानें पूरी खबर. जब 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी जबकि लगभग 3,000 लोग हो गए थे लापता.

400 से अधिक की मौत, 3000 लापता, 20 साल पहले अंडमान-निकोबार में क्रिसमस के एक दिन बाद क्या हुआ था?
krishna pandey |Updated: Dec 25, 2024, 03:19 PM IST
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tsunami of Andaman and Nicobar Islands: अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कैम्पबेल बे और कार निकोबार के निवासियों के मन में 26 दिसंबर 2004 को आई सुनामी का खौफ 20 वर्ष बाद भी कायम है. सुनामी में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी जबकि लगभग 3,000 लोग लापता हुए थे. पोर्ट ब्लेयर से लगभग 535 किलोमीटर दूर स्थित निकोबार जिले को 2004 की सुनामी के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. आज भी क्षतिग्रस्त घरों, रक्षा क्वार्टरों, स्कूलों, गिरजाघरों और सरकारी प्रतिष्ठानों का मलबा देखने को मिल जाता है.

आज भी तबाही के निशान मौजूद
कार निकोबार के तामालू गांव में बड़े पैमाने पर हुई तबाही के निशान अब भी दिखाई देते हैं और हर साल निकोबारी जनजातियां मृत्यु सभा के लिए इकट्ठा होती हैं. मृत्यु सभा में निकोबारी जनजातियां अपने दोस्तों, परिवार और रिश्तेदारों को याद करती हैं, जिनकी मौत हो चुकी है. तमालू गांव के मुखिया पॉल बेंजामिन ने याद करते हुए कहा, "क्रिसमस के जश्न के बाद, हम स्थानीय गिरजाघर में प्रार्थना के लिए जुट रहे थे. उत्सव का माहौल था.

26 दिसंबर, 2004 को आई सुनामी की तबाही
26 दिसंबर, 2004 को सुबह 6 बजे के आसपास, हमने समुद्री हलचल देखी, जिसके बाद तेज झटके आने लगे. पूरा द्वीप हिल रहा था. हमने पहले कभी प्रकृति का ऐसा प्रकोप नहीं देखा था. कोई चेतावनी प्रणाली नहीं थी और कुछ ही मिनट बाद मैंने विशालकाय समुद्री लहरों को हमारी ओर बढ़ते हुए देखा. हम अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ी इलाकों की ओर भागने लगे." अकेले निकोबार जिले में, 2004 में लगभग 387 लोग मारे गए और 3,131 लापता हो गए (माना जाता है कि उनकी मौत हो गई).

कैम्पबेल बे के लक्ष्मी नगर के ग्राम पंचायत प्रधान प्रहलाद सिंह ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में बताया कि "मैंने सुनामी में अपने कुछ करीबी दोस्तों को खो दिया. मैं अपने घर के बाहर खड़ा था तभी मुझे तेज झटके महसूस हुए. हमारे घर के सामने जंगल था और हम समुद्र नहीं देख पा रहे थे. फिर, मैं एक नारियल के पेड़ पर चढ़ गया और देखा कि विशाल लहरें हमारे द्वीप की ओर तेजी से बढ़ रही हैं." इनपुट भाषा से भी

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