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Iran Israel War: 'इतिहास उन्हें कसाई के तौर पर याद रखेगा...', अमेरिकी हमले के बाद नेतन्याहू पर भड़के ओवैसी, PAK को भी लिया आड़े हाथ

Asaduddin Owaisi on US Attack: हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ईरान पर अमेरिकी हमलों को लेकर कहा है यह अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है. साथ ही नेतन्याहू को फिलिस्तीनियों का कसाई भी करार दिया है. 

Iran Israel War: 'इतिहास उन्हें कसाई के तौर पर याद रखेगा...', अमेरिकी हमले के बाद नेतन्याहू पर भड़के ओवैसी, PAK को भी लिया आड़े हाथ
Tahir Kamran|Updated: Jun 22, 2025, 04:23 PM IST
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Asaduddin Owaisi on US Attack: अमेरिका अब ईरान और इजरायल की जंग में सीधे कूद गया है और ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर रविवार की सुबह हमले बोल दिए. इसको लेकर दुनियाभर में उसे विरोध का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र, चीन, जापान और पाकिस्तान समेत ज्यादातर देशों ने इस हमले की निंदा की है. इसी कड़ी में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी अमेरिकी हमलों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंधन करार दिया है. साथ ही पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लिया है.

ओवैसी ने कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार होने का डर जानबूझकर फैलाया गया है. यही बात इराक और लीबिया के बारे में भी कही गई थी, लेकिन कुछ नहीं निकला. अब वही कहानी ईरान के लिए दोहराई जा रही है. ओवैसी ने कहा,'अमेरिका की नीति सिर्फ इजरायल के अपराधों को छुपाने की है. गाजा में जो हो रहा है, वह नरसंहार है और कोई भी इसके बारे में बात नहीं कर रहा है. कोई यह क्यों नहीं पूछ रहा है कि इजरायल के पास कितने परमाणु भंडार हैं?'

फिलिस्तीनियों का कसाई

अमेरिका के जरिए ईरान में इन तीन या चार जगहों पर बमबारी करने से वे नहीं रुकेंगे. मेरे शब्दों पर ध्यान दें, यहां तक ​​कि ईरान भी अगले 5 से 10 वर्षों में ऐसा करेगा, अन्य देश भी ऐसा करेंगे क्योंकि अब उन्हें एहसास हो गया है कि परमाणु बम और परमाणु हथियार होना ही इजरायल के प्रभुत्व के खिलाफ एकमात्र हल है. ओवैसी ने आगे कहा, ‘यह व्यक्ति (इजरायली प्रधानमंत्री) फिलिस्तीनियों का नरसंहार कर रहा है और वेस्ट बैंक व गाजा में जातीय सफाई कर रहा है. इतिहास उन्हें फिलिस्तीनियों के कसाई के रूप में याद रखेगा.’

ओवैसी का पाकिस्तान पर तंज

असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा,'अब पाकिस्तान से पूछिए कि क्या वो डोनाल्ड ट्रंप को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करना चाहेंगे? क्या उनके जनरल (पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर) ने इसी के लिए ट्रंप के साथ डिनर किया था?' बता दैं कि कल ही पाकिस्तान ने कहा था कि वह डोनाल्ड ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की सिफारिश करेगा. उसका कहना था कि ट्रंप ने पिछले महीने भारत-पाक संघर्ष के दौरान (पहलगाम आतंकी हमले के बाद) हस्तक्षेप कर शांति कायम करने में मदद की थी.

अचानक पाकिस्तान ने बदला रुख

हालांकि ईरान पर हमला करने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर बिना पेंदी के लोटे की तरह लुढ़क गया और कहा कि हमें पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता है. अमेरिका के ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून की सभी मर्यादाओं का उल्लंघन हैं. ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है.

हमले के बाद क्या बोले ट्रंप?

ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने 'ट्रुथ' पर लिखा,'हमने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं. सभी प्लेन अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं. हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई. दुनिया में कोई और सेना नहीं है, जो ऐसा कर सकती थी. अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद.'

देश को भी किया संबोधित

इसके अलावा ट्रंप ने देश को भी संबोधित किया. ट्रंप ने बताया कि अमेरिका का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को तबाह करना था. अमेरिका चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म किया जाएं. ट्रंप ने कहा कि बीते 40 साल से ईरान, अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है. कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं इसलिए उन्होंने तय किया है कि अब यह और नहीं चलेगा. ट्रंप ने कहा,'या तो शांति होगी या त्रासदी. अभी कई टारगेट बचे हैं. अगर शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम और ज्यादा सटीक हमलों के साथ अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे.'

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