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अतुल सुभाष की मां ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, पोते की कस्टडी को लेकर SC ने की ये अहम टिप्पणी

 पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. अतुल की मां अंजू देवी ने अपने 4 साल के पोते की कस्टड़ी हासिल करने के लिए अर्जी दायर की है.

अतुल सुभाष की मां ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, पोते की कस्टडी को लेकर SC ने की ये अहम टिप्पणी
Shwetank Ratnamber|Updated: Jan 07, 2025, 05:51 PM IST
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अरविंद सिंह, दिल्ली: पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले AI इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. अतुल की मां अंजू देवी ने अपने 4 साल के पोते की कस्टड़ी हासिल करने के लिए अर्जी दायर की है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर कोई आदेश देने से अभी इंकार किया. दरअसल सुनवाई के दौरान अतुल की पत्नी निहिता सिंघानिया की ओर  से कोर्ट को बताया गया कि बच्चा अभी उसके पास है.

SC की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हमने बच्चे की दादी की हैबियस कार्पस पिटीशन को इसलिए सुनवाई के लिए मंजूर किया था क्योंकि उस अर्जी में आशंका जाहिर की गई थी कि बच्चा कहां है, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है. अब पता चल गया है कि बच्चा अपनी मां के पास है'. 

दादी, बच्चे के लिए अजनबी है!
सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी अंजू देवी को सौंपे जाने से अभी इंकार करते हुए कहा कि वो इसके लिए उपयुक्त फोरम का रुख करें. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि वैसे भी बच्चा दादी के संपर्क में नहीं है. उसके लिए वो अपरिचित ही है. अभी वो कम से कम एक अभिभावक (मां) के पास है. अगर फिर भी आपको उसकी कस्टड़ी चाहिए तो आप उपयुक्त फोरम का रुख करें. उसकी अलग क़ानूनी प्रकिया है.

अभी मां के पास है बच्चा
सुनवाई के दौरान बच्चे की मां निकिता सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि बच्चा अब मां के पास है. इस केस में मां को ज़मानत मिलने के बाद उन्होंने आज सुबह बच्चे की कस्टड़ी हासिल कर ली है. जब वो जेल में थी, उस वक्त बच्चा फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में था. अब चूंकि ज़मानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें बैंगलुरू में जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ता है. इसलिए वो बच्चे को अपने साथ बैंगलुरू ले जाएगी.

अतुल की दादी की वकील
अतुल सुभाष की मां अंजू देवी की ओर से पेश वकील ने बच्चे की कस्टडी, उसकी दादी को सौंपने की मांग की. वकील ने कहा कि बच्चे की उम्र 4 साल है. मां उसकी सही तरीके से देखभाल नहीं कर पाएगी. नियमों के मुताबिक 6 साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में दाखिल नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद बच्चा करीब डेढ़ साल से बोर्डिंग स्कूल में है. अगर एक अभिभावक दूसरे अभिभावक की मौत के केस में आरोपी है तो ज़रूरी नहीं है कि बच्चे की कस्टड़ी दूसरे अभिभावक को मिले ही. इससे पहले भी कोर्ट अपने फैसले में यह साफ कर चुका है.

SC ने बच्चे की स्थिति पर हलफनामा मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी बच्चे की कस्टडी दादी को सौंपे जाने को लेकर हम कोई आदेश नहीं देंगे. हालांकि कोर्ट ने हैबियस कार्पस अर्जी को अभी पेंडिंग रखा है. कोर्ट ने हरियाणा सरकार और अतुल की पत्नी से बच्चे की स्थिति पर हलफनामा दायर करने को कहा है. अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

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