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Atul Subhash Suicide: थू-थू हुई तो आना पड़ा सामने.. अतुल की मौत पर निकिता के घरवालों ने पहली बार रखा अपना पक्ष

Atul Subhash Suicide News: बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला गरमाया हुआ है. पूरे देश में यह मामला चर्चा का विषय बना चुका है. हर तरफ आलोचना होती देख मामले में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया के परिवार ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है.

Atul Subhash Suicide: थू-थू हुई तो आना पड़ा सामने.. अतुल की मौत पर निकिता के घरवालों ने पहली बार रखा अपना पक्ष
Gunateet Ojha|Updated: Dec 11, 2024, 08:26 PM IST
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Atul Subhash Suicide News: बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला गरमाया हुआ है. पूरे देश में यह मामला चर्चा का विषय बना चुका है. हर तरफ आलोचना होती देख मामले में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया के परिवार ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमें अतुल की मौत का गहरा खेद है, लेकिन जो कुछ हुआ, उसके लिए हम दोषी नहीं हैं. जल्द ही हम सबूत के साथ अपनी सफाई पेश करेंगे.

आत्महत्या से पहले 90 मिनट का वीडियो

34 वर्षीय अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को अपने बेंगलुरु स्थित अपार्टमेंट में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने संघर्षों को 90 मिनट के वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट में दर्ज किया, जिसमें बताया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ नौ केस दर्ज कराए थे.

न्याय की मांग

9 दिसंबर को बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले अतुल सुभाष के भाई विकास कुमार ने कहा कि मेरे भाई ने जो सुसाइड नोट लिखा है- उसकी पहली लाइन है- न्याय मिलना चाहिए. हमें किसी भी कीमत पर न्याय चाहिए...

परिवार पर एफआईआर दर्ज

अतुल की आत्महत्या के बाद उनके भाई विकास कुमार ने पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत को बेंगलुरु पुलिस ने एफआईआर में बदल दिया. एफआईआर में निकिता, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के नाम शामिल हैं. यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 108 और 3(5) के तहत दर्ज किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कानून के दुरुपयोग पर जताई चिंता

इस घटना के बाद से आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है. इसी बीच, सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं द्वारा पति और ससुराल वालों को परेशान करने के लिए क्रूरता कानून के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर की. जस्टिस बीवी नागरत्ना और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य महिलाओं की रक्षा करना था, लेकिन कुछ मामलों में इसे अनुचित मांगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

न्याय की मांग जोर पकड़ रही

सोशल मीडिया और स्थानीय समुदायों में अतुल सुभाष के लिए न्याय की मांग तेज हो गई है. उनके दोस्तों और परिवार ने इस घटना को "कानून के दुरुपयोग का परिणाम" बताया है. वहीं, निकिता के परिवार की सफाई ने मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है.

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