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CBI को नहीं सौंपा गया शाहजहां शेख, HC के आदेश के बावजूद बंगाल पुलिस क्यों दिखा रही दादागिरी?

Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में ममता सरकार की पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने आरोपी शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को नहीं सौंपी.

CBI को नहीं सौंपा गया शाहजहां शेख, HC के आदेश के बावजूद बंगाल पुलिस क्यों दिखा रही दादागिरी?
Gunateet Ojha|Updated: Mar 06, 2024, 12:01 AM IST
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Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में ममता सरकार की पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की है. कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने आरोपी शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को नहीं सौंपी. कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि मंगलवार 5 मार्च की शाम साढ़े चार बजे तक आरोपी शेख और मामले से जुड़े दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए जाए. 

हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को लगाई फटकार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया था कि संदेशखालि में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले का मामला और टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को “पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण” आचरण के लिए फटकार लगाई और कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है.

सीबीआई को नहीं सौंपी शेख की हिरासत

हाईकोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध को स्वीकार करने के कुछ ही घंटों के भीतर पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और उसके वकील से रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष मामले का उल्लेख करने को कहा. इस बीच, सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क किया. एजेंसी की एक टीम शेख को हिरासत में लेने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ कोलकाता स्थित सीआईडी कार्यालय भी पहुंची, लेकिन उसे हिरासत नहीं सौंपी गई. 

ममता सरकार की सुप्रीम कोर्ट में अपील

सीआईडी ने कहा कि संदेशखालि के नेता को केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया, क्योंकि राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. हाईकोर्ट द्वारा मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक उसके निर्देशों का पालन करने का आदेश दिए जाने के तुरंत बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करके जांच अपने हाथ में ले ली. हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने शेख को एजेंसी की टीम को सौंपने से इनकार कर दिया. सीबीआई की टीम भवानी भवन स्थित सीआईडी मुख्यालय पहुंची थी और दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद शाम साढ़े सात बजे शेख को लिए बगैर ही लौट गई.

ईडी फिर करेगी हाईकोर्ट का रुख

एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शेख की हिरासत सीबीआई को नहीं सौंपने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख कर सकता है. यह घटनाक्रम ईडी द्वारा शाम को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शिवज्ञानम के समक्ष यह उल्लेख करने के बाद हुआ कि राज्य सीआईडी ने मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक आरोपियों को सीबीआई को सौंपने के अदालत के आदेश का पालन नहीं किया.

शाहजहा शेख की संपत्ति कुर्क

सूत्र ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश ने एजेंसी के वकील से बुधवार को अदालत के समक्ष एक आवेदन दाखिल करने को कहा. सीआईडी के एक अधिकारी ने कहा, “हमने उसे सीबीआई को नहीं सौंपा है, क्योंकि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील की है.” इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शेख की 12.78 करोड़ रुपये मूल्य की एक दर्जन से ज्यादा संपत्तियों को कुर्क किया है, जिसमें बैंक जमा, एक फ्लैट और संदेशखालि और कोलकाता में कृषि और मत्स्य पालन भूमि शामिल है.

फरारी काट रहा था शाहजहां शेख

ईडी अधिकारियों के एक दल पर पांच जनवरी को लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने उस वक्त हमला कर दिया था, जब वे शेख के घर पर छापा मारने गए थे. पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक के साथ कथित तौर पर शेख के करीबी संबंध हैं. मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा, “इस मामले से बेहतर कोई और मामला हो ही नहीं सकता, जिसे सीबीआई जांच के लिए हस्तांतरित करने की आवश्यकता हो.” पीठ ने कहा कि मंगलवार शाम साढ़े चार बजे तक निर्देशों का पालन किया जाए.

कुछ ही दिनों पहले हुआ था गिरफ्तार

शेख महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार और संदेशखालि में जमीन हड़पने का भी मुख्य आरोपी है, उसे राज्य पुलिस ने 29 फरवरी को ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में गिरफ्तार किया था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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