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Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसका था? हाई कोर्ट में उठा सवाल

Bengaluru stampede news: हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया, 'भगदड़ के बाद घायलों को फौरन इलाज मुहैया करवाया गया. वहीं आयोजन के दौरान 1380 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.'

Bengaluru Stampede
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Shwetank Ratnamber|Updated: Jun 05, 2025, 05:29 PM IST
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Bengaluru tragedy: बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की जीत का जश्न मनाने के दौरान मची भगदड़ में हुई मौतों के मामले की गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सी एम जोशी बेंच ने राज्य सरकार को हादसे पर रिपोर्ट पेश करने का नोटिस दिया है. 

सरकार से पूछा गया सवाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा, 'राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि आरसीबी के खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसने लिया है। जो खिलाड़ी देश के लिए नहीं खेलते, उन्हें सम्मानित करने की क्या मजबूरी थी.'

हाईकोर्ट में खुली दावे की पोल

कर्नाटक सरकार के वकील ने हाई कोर्ट में कहा, 'पानी के टैंकर, कई एम्बुलेंस के साथ-साथ कमांड और कंट्रोल वाहन भी मौजूद थे हम पूरी तरह तैयार थे इवेंट का इंतजाम पिछले मैचों के दौरान किए गए काम से बहुत ज़्यादा था. सरकार ने ये भी कहा, 2.5 लाख से ज़्यादा लोगों के आने की वजह से स्थिति बिगड़ गई, जिनमें से कई लोगों का मानना ​​था कि स्टेडियम में मुफ़्त प्रवेश होगा. स्टेडियम की क्षमता 35,000 है, और आमतौर पर सिर्फ़ 30,000 टिकट ही बिकते हैं.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा, 'कहां कितनी मौतें हुईं?' इसके बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस वी कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की बेंच के सामने पेश हुए महाधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने कहा, 'हम कोई प्रतिकूल रुख नहीं अपना रहे हैं. कोर्ट जो भी निर्देश देगा, हम कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं'.

राज्य सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि दोपहर से ही लोग कार्यक्रम स्थल पर जमा होने लगे थे. दोपहर 3 बजे तक वहां पैर रखने की जगह नहीं थी. भीड़ में राज्य के बाहर के लोग भी शामिल थे. इसके बाद शेट्टी ने कोर्ट के सामने स्टेडियम का नक्शा पेश किया, जिसमें दिखाया गया कि कहां-कहां मौतें हुईं. इस हिसाब से कोर्ट को बताया गया कि गेट नंबर 7 पर 4 मौतें, गेट नंबर 6 पर 3 मौतें और क्वींस रोड की ओर 4 मौतें हुईं.

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स्टेडियम में कितने गेट?

हाईकोर्ट की बेंच ने उन क्षेत्रों के विस्तृत नक्शे मांगे जहां मौतें हुईं और सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. वहीं अदालत ने सामूहिक कार्यक्रमों के दौरान उचित प्रोटोकॉल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हर हाल में क्राउड कंट्रोल और इमरजेंसी मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए. जब बेंच ने पूछा कि स्टेडियम में कितने गेट हैं, तो राज्य ने जवाब दिया कि 21 गेट हैं, जो सभी खुले हैं और लोग अंदर भी बैठे हैं. भीड़ के कंट्रोल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के बारे में उठे सवाल को लेकर, राज्य ने कहा कि उन पर काम किया जा रहा है. शेट्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को एक नया एसओपी बनाने का निर्देश दिया है और घटना की रात से ही इस पर काम शुरू हो गया है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों.'

कौन संभालता है भीड़ 

कोर्ट को ये भी बताया कि आरसीबी और उसके इवेंट मैनेजर टिकटिंग और भीड़ प्रबंधन का काम संभालते हैं. शेट्टी ने कहा कि एफआईआर दर्ज करके संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं ताकि पता चल सके कि क्या कोई लापरवाही हुई है? वहीं कोर्ट में बताया गया कि भीड़ में कोलार, उत्तर कन्नड़, मंड्या और मैसूरु के लोग शामिल थे. सुरक्षा के मौजूदा बुनियादी ढांचे पर चिंता जताते हुए, कोर्ट ने आयोजकों और राज्य की तैयारियों पर सवाल उठाया, जिसमें मेडिकल स्टाफ और एम्बुलेंस की उपलब्धता भी शामिल थी.

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