trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02733759
Home >>Araria

Seemanchal Politics: सीमांचल में तस्लीमुद्दीन के बेटों में खिंची तलवारें, क्या RJD की बढ़ी परेशानी

Bihar Politics: मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के दोनों बेटे एक बार फिर से एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं. दोनों भाइयों की सियासी जंग के कारण पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सीमांचल में जबरदस्त सफलता हासिल हुई थी. अगर राजद ने अभी इस पर ध्यान नहीं दिया तो उसे भारी नुकसान हो सकता है.

Advertisement
सरफराज आलम बनाम शाहनवाज आलम
सरफराज आलम बनाम शाहनवाज आलम
K Raj Mishra|Updated: Apr 28, 2025, 01:34 PM IST
Share

Seemanchal Politics: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनावी साल में सीमांचल से तेजस्वी यादव के लिए अच्छी खबर नहीं आ रही है. यहां राजद के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के बेटे एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. मोहम्मद तस्लीमुद्दीन को 'सीमांचल का गांधी' कहा जाता था. अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने सरपंच से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया. तस्लीमुद्दीन ने अपना सियासी सफर कांग्रेस के साथ शुरू किया था, लेकिन बाद में लालू यादव की पार्टी में आ गए थे. सीमांचल में राजद को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही. अब उनकी सियासी विरासत को लेकर उनके बेटों में जंग छिड़ी हुई है और यह राजद के लिए अच्छी बात नहीं है. मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के दोनों बेटे एक बार फिर से एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं, वह भी वक्फ कानून को लेकर. बता दें कि दोनों ही वक्फ कानून का विरोध कर रहे हैं, लेकिन एक-दूसरे के खिलाफ भी बयानबाजी कर रहे हैं.

दरअसल, जोकीहाट के विधायक और राजद नेता शाहनवाज आलम ने वक्फ कानून के विरोध में 29 अप्रैल को उदाहाट हाई स्कूल मैदान में विशाल धरना-प्रदर्शन आयोजित करने का ऐलान किया है. जब उनके बड़े भाई और पूर्व सांसद सरफराज आलम को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने शाहनवाज के कार्यक्रम से एक दिन पहले यानी 28 अप्रैल को ही उसी जगह पर धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी. सरफराज ने इसके लिए प्रशासन से मंजूरी भी ले ली. बस इसी बात को लेकर दोनों भाईयों के बीच तनातनी बढ़ गई है. शाहनवाज आलम ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर बड़े भाई सरफराज पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने सरफराज को बीजेपी का एजेंड बता दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने (सरफराज) लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जिताने का काम किया. उनकी वजह से ही वह लोकसभा चुनाव हारे थे.

ये भी पढ़ें-  पैतृक सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं ओसामा साहेब, हिना शहाब का ऐलान

बता दें कि मोहम्मद तस्लीमुद्दीन की सियासी विरासत को लेकर दोनों भाई एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में शाहनवाज आलम राजद से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने बड़े भाई सरफराज पर भरोसा जताया था. जिसके बाद शाहनवाज ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. हालांकि, बाद में वह राजद में आ गए थे. जिसके बाद राजद ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट थमा दिया था. इससे सरफराज नाराज हो गए थे. टिकट कटने के बाद सरफराज आलम का फफक-फफक कर रोते हुए वीडियो काफी वायरल हुआ था.

बिहार-झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Bihar-Jharkhand News In Hindi और पाएं Bihar-Jharkhand Latest News In Hindi हर पल की जानकारी. बिहार-झारखंड की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}