trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02548853
Home >>BH Aurangabad

Aurangabad News: मरीजों को अस्पताल से बाहर फेंकने के मामले में 7 के खिलाफ मामला दर्ज

Aurangabad News: सदर अस्पताल के कर्मियों ने 2 मरीजों को अस्पताल से निकालकर शहर के बाहर फेंक दिया था. इलाज के अभाव में दोनों की मौत हो गई थी. अब इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.

Advertisement
औरंगाबाद सदर अस्पताल
औरंगाबाद सदर अस्पताल
K Raj Mishra|Updated: Dec 08, 2024, 08:11 AM IST
Share

Aurangabad News: बिहार के औरंगाबाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक और हेल्थ मैनेजर समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. यह प्राथमिकी उस अमानवीय घटना के बाद दर्ज हुई है, जिसमें सदर अस्पताल में भर्ती 2 मरीजों को निकाल कर शहर के बाहर फेंक दिया गया था. इलाज के अभाव में दोनों मरीजों की मौत हो गई थी. दरअसल, 12 नवंबर 2024 को सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड में इलाजरत दो मरीजो को अस्पताल के डीएस द्वारा अपने एंबुलेंकर्मियो को यह आदेश दिया गया था कि शहर के बाहर किसी सुनसान जगह पर इन्हें पहुंचा दो और वापस लौट आओ. कर्मियों ने ठीक वैसा ही किया और दोनों जिंदा मरीजो को झाड़ियों में फेंक दिया और उन्हें मरणासन्न छोड़कर खिसक गए. आलम यह कि इलाज के अभाव में बारी बारी से दोनों ने अपना दम तोड़ दिया.

मामले का तब खुलासा हो सका जब दो अज्ञात शव मिलने की सूचना पर बारुण थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और देखा कि दोनों मृतक सदर अस्पताल लिखे हुए चादर में लिपटे हुए हैं. तब पुलिस पूरे मामले की पड़ताल में जुट गई और सदर अस्पताल पहुंचकर इस मामले में वहां के वरीय अधिकारियों से पूछताछ शुरू की. दोनों शवों के पोस्टमार्टम के बाद जब पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान शुरू किया तब परत दर परत पूरा मामला बेपर्दा हो गया. सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जाने के बाद उन एम्बुलेंकर्मियो और स्ट्रेचर मैन से भी पुलिस ने पूछताछ की, जिन्होंने पुरुष वार्ड से इन्हें लादकर एम्बुलेंस में रखा था. फिर बाद में उन्हें बारुण थाना क्षेत्र के दो अलग अलग स्थानों पोखराही गांव और टेंगरा नहर के पास सुनसान इलाके में छोड़कर भाग गए थे.

ये भी पढ़ें- शेखपुरा एसपी ने सिरारी थानाध्यक्ष को किया सस्पेंड, अब इन्हें मिली जिम्मेदार

इधर पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान इसमें शामिल सभी कर्मियों ने भी इस अमानवीय घटना को कबूल करते हुए कहा कि ऐसा करने के लिये उन्हें उपाधीक्षक महोदय द्वारा कहा गया था. इधर मामला तूल पकड़ता देख जिलाधिकारी ने 3 सदस्यीय जांच टीम बनाकर पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया. आदेश के बाद डीडीसी, एसीएमओ तथा जिला कल्याण पदाधिकारी के द्वारा जब पूरे मामले की बारीकी से जांच की गई, तब यह मामला और भी साफ हो गया. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट डीएम तथा राज्य स्वास्थ्य समिति को सौंप दी. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर बारुण थाने में 7 लोगो पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

ये भी पढ़ें- मंत्री बिजेंद्र यादव का लालू परिवार पर हमला, कहा- 'यहां राजा का बेटा राजा नहीं...'

इस प्राथमिकी में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक हेमंत राजन, सुपरवाइजर शैलेश कुमार मिश्रा, एम्बुलेंस के एमईटी हरेंद्र, एम्बुलेंस ड्राइवर शिववशंकर, दोनों स्ट्रेचरमैन सुरंजन तथा धर्मपाल के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. इधर थाने में इस संगीन मामले का कांड संख्या 559/24 दर्ज किए के बाद जब सदर अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की गई. तब उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह से अमानवीय है और इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों को आदेश पत्र भेजा गया है.

रिपोर्ट- मनीष कुमार

बिहार-झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Bihar-Jharkhand News in Hindi और पाएं Bihar-Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी. बिहार-झारखंड की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}