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नीतीश जी! देखिए बांका के इस गांव में सड़क बिना दम तोड़ रहे लोग, मजबूरी में चंदा इकट्ठा कर रोड बनवा रहे ग्रामीण

Banka News: बिहार में सरकार व जनप्रतिनिधियों के द्वारा विकास के रोज नए-नए दावे किए जाते हैं, लेकिन बांका के अमरपुर प्रखंड के एक गांव में ये सारे दावे बेअसर दिख रहे हैं. जहां सरकारी सिस्टम की उदासीनता से थक-हारकर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करके 3 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य शुरू करना पड़ा है.

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बांका न्यूज़
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Shubham Raj|Updated: Jun 09, 2025, 01:54 PM IST
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Banka News: बिहार के बांका जिला अंतर्गत अमरपुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर चिरैया पंचायत में सरकार की ओर किए जा रहे विकास के दावों की हवा निकल गई है. जहां जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से थक-हारकर लौगाय गांव के लोगों ने मजबूर होकर एक बड़ा फैसला ले लिया है. दरअसल, वहां बेपरवाह सिस्टम से हारकर ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर 3 किलोमीटर सड़क बनवाने का निर्णय लिया है. ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने आनन-फानन में यह फैसला लिया है. इसके लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई, लेकिन लंबे समय तक सरकारी स्तर पर सड़क को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार सारी उम्मीदों के खत्म होने पर गामीणों को चंदा इकट्ठा कर सड़क बनावे का फैसला लेना पड़ा.

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ग्रामीणों ने बताया दर्द
सड़क नहीं होने कारण लोगों को किन-किन समस्याओं का सामने करना पड़ता है, इसको ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां किया है. इस संबंध में राजीव कुमार, बमबम कुमार, अनुज कुमार और मिट्ठू कुमार के साथ राजा कुमार सहित दर्जनों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 78 साल होने वाले हैं, लेकिन अभी तक गांव के लोग सड़क से वंचित हैं. रोड नहीं होने के कारण महादलित टोले के लोग पगडंडियों पर चलकर मुख्य सड़क तक जाते हैं. खासकर बरसात के दिनों में काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. 

इसके आगे ग्रामीणों ने अपना दर्द बताते हुए कहा- 'एक हजार की आबादी वाले टोले में जब कोई बीमार पड़ जाता है, तो अस्पताल ले जाने में क्या परेशानियां होती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. कई बार बीमार को अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो जाती है. जिसका दर्द यहां के लोगों को सालों से परेशान कर रहा है. ग्रामीण लंबे समय से सरकारी स्तर पर सड़क निर्माण को लेकर इंतजार में थे. जब सरकारी स्तर पर निर्माण कार्य नहीं किया गया, तो थक हार कर ग्रामीण खुद ही चंदा इकट्ठा करने में जुट गए. चंदा इकट्ठा करने के बाद जेसीबी से नाले की खुदाई और सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया'.

इनपुट- बीरेंद्र कुमार सिन्हा

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