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Banka News: आईएएस बनकर पहली बार गांव पहुंचे पारस कुमार, ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत

Banka News: भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता मिलने के बाद पहली बार गांव पहुंचे बेटा का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया. बता दें कि पारस कुमार बिहार के बांका के रहने वाले हैं.

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आईएएस बनकर पहली बार गांव पहुंचे पारस कुमार
आईएएस बनकर पहली बार गांव पहुंचे पारस कुमार
Shubham Raj|Updated: May 04, 2025, 04:53 PM IST
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Banka News: भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता मिलने के बाद पहली बार गांव पहुंचे बेटा का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया. स्वागत से भाव विभोर हुए आईएएस पारस कुमार ने सभी माता पिता से आग्रह किया कि वे अपनी बेटा हो या बेटी सबको सामान शिक्षा दें, बता दें कि जिले के बाराहाट प्रखंड अंतर्गत चंगेरी गांव के रहने वाले पारस कुमार ने यूपीएससी में 269वीं रैंक हासिल कर परिवार का नाम रोशन कर दिया. पारस कुमार का जन्म 1996 में एक सामान्य परिवार में हुआ था. इनके पिता राजू मंडल एक सामान्य परिवार से हैं.

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पारस की प्रारंभिक पढ़ाई सेंट जोसेफ बांका से शुरू हुई. 12वीं की इंटरस्तरीय विद्यालय धोनी से किया. इसके बाद यूआईटी पंजाब यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल में बीटेक किया. पारस कुमार बचपन से पढ़ाई लिखाई में बहुत कुशाग्र बुद्धि के थे. सिविल सर्विस में जाना अंकुर के बचपन का ही शौक था. आईएएस बनने के बाद पहली बार वह अपने परिजनों के साथ घर पहुंचे. उनके आने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने चंगेरी मिर्जापुर मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर स्थान से बेटे का स्वागत किया. गाड़ी से उतरते ही रोली, अच्छत, तिलक और आरती कर पूजन किया गया और उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया गया. इसके बाद पारस के निजी आवास पर स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. जहां गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया गया.

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स्वागत से अभिभूत हुए पारस
अपने स्वागत से अभिभूत पारस ने कहा कि उनको आशा नहीं थी कि लोग इस तरह स्वागत सत्कार करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी माता-पिता अपने पुत्र हो या पुत्री सभी को अच्छी शिक्षा दें, तो वे भी माता-पिता के सपनों को पूरा कर सकते हैं. वहीं चौथे प्रयास में आईएएस अफसर बनने के बाद गांव के कई युवा पारस से मिलने पहुंचे. पारस ने बताया कि प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता, इसलिए कई युवा आगे बढ़ नहीं पाते. सही मार्गदर्शन और सुविधाएं मिलने पर राह आसान हो जाती है.

इनपुट- बीरेंद्र 

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