भागलपुर: बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से राज्य में ब्राउन शुगर, स्मैक और गांजा जैसे सूखे नशों का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. अब बड़ी वारदातों—जैसे छिनतई, हत्या और रेप जैसी घटनाओं—में अपराधियों के स्मैक के नशे में धुत होने की बात सामने आ रही है. इस गंभीर विषय पर जब जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा से सवाल किया गया तो उनका जवाब चर्चा में आ गया.
"दारू पीना पर्सनल चॉइस"
मनीष वर्मा ने कहा, "कोई दारू पीता है, नशा करता है, तो उसका पर्सनल चॉइस है." उन्होंने यह भी कहा कि स्मैक पंजाब में भी प्रचलित था और वहां सरकार भी गिर गई, जबकि वहां शराब की भी अनुमति है. उनके अनुसार, शराब और ड्रग्स दोनों एक-दूसरे के पूरक (सप्लीमेंट्री) हैं और यह समस्या पूरे देश में फैली हुई है.
जब मनीष वर्मा से बढ़ते अपराधों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "हर क्राइम का कानून बना हुआ है फिर भी क्राइम होता है. हत्या, लूट, चोरी के लिए भी कानून हैं, लेकिन घटनाएं फिर भी होती हैं." उन्होंने इसे मानव स्वभाव का हिस्सा बताते हुए कहा कि एक निश्चित प्रतिशत में क्राइम रेट बना रहता है.
बिहार में स्मैक कैसे आ जाता है, इस पर पूछे गए सवाल पर मनीष वर्मा गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा, "बॉर्डर से आता है, तो हम इसमें क्या करेंगे? क्या बॉर्डर हमारे पास है?" उन्होंने चेकिंग में होने वाली दिक्कतों का हवाला देते हुए कहा कि बॉर्डर पर बहुत बारीक जांच संभव नहीं है, क्योंकि वहां जाम रहता है और हर गाड़ी की चेकिंग से लोगों को परेशानी होती है.
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