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Bhagalpur News: झोलाछाप डॉक्टर ने बिना एनेस्थिसिया किया ऑपरेशन, मरीज की मौत पर अस्पताल छोड़कर भागा

Bhagalpur News: एक अवैध नर्सिंग होम विश्वकर्मा हेल्थ केयर सेंटर में महिला की मौत हो गई. मृतका की पहचान पश्चिमी घरारी निवासी शीलम देवी के रूप में हुई है.

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प्रतीकात्मक
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 11, 2024, 09:25 AM IST
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Bhagalpur News: बिहार के भागलपुर में अवैध नर्सिंग होम्स की भरमार है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. झोलाछाप डॉक्टर बगैर मान्यता के नर्सिंग होम खोलकर संचालन करते है और स्थानीय आशा उसे वहां लेकर जाते है. झोलाछाप डॉक्टर और स्टॉफ के बगैर जानकारी के ईलाज के बीच मरीज की मौत हो जाती है. 10 दिनों के अंदर दूसरा मामला नवगछिया से ही आया है. जहां खरीक के एक अवैध नर्सिंग होम विश्वकर्मा हेल्थ केयर सेंटर में महिला की मौत हो गई. जिसके बाद संचालक और स्टाफ अस्पताल में शव छोड़कर फरार हो गया. वहीं परिजनों ने जमकर बवाल काटा. मृतका की पहचान पश्चिमी घरारी निवासी शीलम देवी के रूप में हुई है. घटना की जानकारी मिलते ही परिजन व ग्रामीण क्लीनिक पहुंचे और हंगामा करने लगे.

सूचना पर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर नरेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाकर शांत कराया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल भेजा. उप मुखिया रूकेश कुमार दास ने बताया कि मृतका का परिवार गरीब है. उसके पति की भी दिमागी हालत ठीक नहीं है. अब उनके चार बेटी व एक बेटा का परवरिश कैसे होगा. उन्होंने क्लीनिक संचालक के खिलाफ पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की. क्लीनिक परिसर में कोई बोर्ड नहीं लगा है. मृतका की पर्ची देखने के बाद क्लीनिक का नाम स्पष्ट हुआ. पर्ची पर डाक्टरों का नाम डॉ. एस कुमार और डॉ. डीके राय लिखा हुआ है.

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मृतका के बेटे मिथुन कुमार ने बताया कि मां को 5 नवंबर को पेट में दर्द हुआ था. ग्रामीण डॉक्टर से इलाज कराने पर ठीक हो गई थी. दो दिन बाद फिर दर्द हुआ तो गांव की रहने वाली आशा नूतन देवी मां को लेकर यहां जांच कराने आई. डॉक्टरों ने दवा दी और अल्ट्रासाउंड कराने को कहा. इसके बाद आशा ने मां का पहले नवगछिया, फिर भागलपुर में अल्ट्रासाउंड करवाया. डॉक्टरों ने रिपोर्ट देखने पर कहा कि पेट में पथरी है. इसका एकमात्र विकल्प ऑपरेशन है. आशा ने मां से कहा कि अगर भागलपुर में ऑपरेशन कराइएगा तो 70-80 हजार रुपए खर्च होंगे. वहां सप्ताह भर रुकना भी पड़ेगा. आपको परेशानी भी होगी. इसलिए, यहीं करा लीजिए. शनिवार (9 नवंबर) को 30 हजार रुपए क्लीनिक में जमा करवा कर मां को भर्ती करा दिया. शाम 4 बजे डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दौरान मां चिल्ला रही थी. मैंने डॉक्टरों से कहा कि बिना बेहोश किए ऑपरेशन क्यों कर रहे हैं तो कहा कि ऑपरेशन में थोड़ा दर्द होता ही है. सुबह मां की मौत हो गई.

रिपोर्ट- अश्विनी कुमार

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