Bahadurpur Assembly Seat: बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2020 चुनाव के अनुसार 3,19,494 पंजीकृत मतदाता हैं, जिसमें पुरुष मतदाता 1,67,183 और महिला मतदाता 1,52,300 हैं. इसके अलावा 11 मतदाता थर्ड जेंडर से संबंधित हैं. यह संख्या विधानसभा क्षेत्र को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाती है, खासकर तब जब चुनावी समीकरण इतने बारीकी से जातीय और सामाजिक आधार पर तय होते हैं.
साल 2008 के परिसीमन के बाद इस सीट का गठन हुआ और 2010 में पहली बार यहां चुनाव हुआ. उस समय जेडीयू और बीजेपी की साझा ताकत ने सीट जीत ली. इसके बाद 2015 में जब जेडीयू ने महागठबंधन का दामन थामा, तो आरजेडी के भोला यादव को यह सीट मिली और उन्होंने जीत दर्ज की. वहीं, 2020 में जेडीयू प्रत्याशी मदन सहनी ने आरजेडी के रमेश चौधरी को कड़े मुकाबले में पराजित कर सीट दोबारा हासिल की. जेडीयू को 68,538 और आरजेडी को 65,989 वोट मिले थे.
2015 के विधानसभा चुनाव में करीब 58% मतदान हुआ था और कुल 1,56,431 लोगों ने वोट डाले थे. आरजेडी के भोला यादव को 45.95% यानी 71,547 वोट मिले, जबकि बीजेपी के हरि सहनी को 35.04% यानी 54,558 वोटों से संतोष करना पड़ा. तीसरे स्थान पर सीपीएम के श्याम भारती रहे. इस चुनाव में 15 उम्मीदवार मैदान में थे, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था.
बहादुरपुर की जनता आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है. यहां स्वच्छ पेयजल की भारी कमी है. जलजमाव और भूमि अतिक्रमण जैसी समस्याएं लगातार लोगों को प्रभावित कर रही हैं. वहीं, सरकारी स्कूलों की स्थायी इमारतों की कमी भी शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाती है.
बहादुरपुर क्षेत्र की अधिकांश आबादी खेती-बाड़ी पर निर्भर है. यह उनका मुख्य आजीविका का साधन है, लेकिन सिंचाई, बीज, मंडी और समर्थन मूल्य जैसी समस्याएं यहां के किसानों को आए दिन परेशान करती हैं.
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