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Women's Day Special: लॉकडाउन में गई पति की नौकरी, तो पूनम ने शुरू किया मुर्गी फार्मिंग का काम, अब लाखों में कमाई!

Dhanbad News: झारखंड में धनबाद जिले की रहने वाली पूनम नाम की महिला ने कमाल कर दिया है. दरअसल, लॉकडाउन में पति की नौकरी जाने के बाद पूनम ने सोशल मीडिया से मुर्गी फार्मिंग का काम सीखा और उसे शुरू किया. जिससे अब पूनम की जिंदगी बदल गई है.

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लॉकडाउन में गई पति की नौकरी, तो पूनम ने शुरू किया मुर्गी फार्मिंग का काम, अब लाखों में कमाई!
लॉकडाउन में गई पति की नौकरी, तो पूनम ने शुरू किया मुर्गी फार्मिंग का काम, अब लाखों में कमाई!
Shubham Raj|Updated: Mar 08, 2025, 02:53 PM IST
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Dhanbad News: 2021 के लॉकडाउन के कारण छोटे-बडे उद्योग पर असर पड़ा था. तब कई लोगों की नौकरी छूट गई थी. आम से लेकर खास तक सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इस दौरान झारखंड के धनबाद जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर दूधिया पंचायत के बेड़ा नियामतपुर की पूनम का परिवार भी इससे अछूता नही रहा था. पूनम के पति की नौकरी चली गई थी. जिससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई थी. बहुत अधिक पढ़ी लिखी नहीं होने के कारण पूनम को कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन हिम्मत रखकर घर-परिवार के लिए कुछ अलग करने की चाह से प्रयास करना शुरू किया.

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जिसके बाद पूनम ने सोशल मीडिया से मुर्गी फार्मिंग के बारे में सीखा, हालांकि सरकारी मदद के लिए बहुत दौड़ भाग की, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई. फिर एक बार प्रयास दम तोड़ता दिखा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. बांस और त्रिपाल से छोटे मुर्गी फार्मिंग की शुरुआत की. धीरे-धीरे किस्मत बदलना शुरू हुआ. आज पूनम तीन मुर्गी फार्मिंग को संचलित कर रही है. ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है. अब पूनम घर के चूल्हा से इंटरनेशन फार्मर बन गई है. बता दें कि पूनम के परिवार के हालात लॉकडाउन के समय बिगड़ गए थे. जिसके बाद पूनम ने मुर्ग फार्मिंग का काम शुरू किया और उसमें कामयाबी भी हासिल की. 

दरअसल, बलियापुर प्रखण्ड के बेड़ा नियामतपुर के गृहणी पूनम देवी पर 2021 के लॉकडाउन में आर्थिक संकंट आ गया, क्योंकि उस समय पूनम के पति की नौकरी चली गई थी. जिसके बाद पूनम में स्व रोजगार के लिए सोशल मीडिया से सिख लेते हुए अपने आप को खड़ा करने का प्रयास किया. अपने घर के पीछे ही बांस और त्रिपाल को घेड़कर 50 मुर्गा से मुर्गी फार्म की शुरुआत की. इस काम में उनके पति उत्तम कुमार का भरपूर सहयोग मिला, वहीं इस फार्म का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर अपना चैनल बना कर फार्मिंग की जानकारी देने लगी.

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पूनम के पास पैसे नहीं होने के कारण सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाई, लेकिन किसी ने इनकी नहीं सुनी. वहीं इस कार्य को और बढ़ाने के किये गांव में समूह लोन के माध्यम से 50 हज़ार रुपए लोन लेकर शुरुआत की. अब इस कारोबार को पूनम ने अपने गांव से लेकर 3 अन्य जगहों पर शुरू कर दिया है. पूनम ने बताया कि गांव से जब निकलते थे, तो गांव के लोगों का बहुत ताना सुनना पड़ता था, अब वही लोग शाबासी देते हैं. बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के अलावा नेपाल, और दुबई के लोगों से फार्मिंग कर मुर्गा पालन करवाती है. देश में बेचती है, लेकिन अभी भी झारखण्ड सरकार से इन्हें किसी तरह का सहयोग नहीं मिला है.

पूनम ने बताया कि अपने इस फार्मिंग में महिला और पुरुष को मिलाकर 2 हजार लोगों को रोजगार दी हुई हैं. सिंदरी विधायक चंद्रदेव महतो ने कहा कि सबसे पहले इस महिला के जज्बे को सलाम करते हैं. झारखण्ड सरकार से कई कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है. पूनम को इसका सहयोग दिलाने का प्रयास करेंगे.

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