Motihari News: रक्सौल में डीबीआर (DBR) कंपनी के ठगी के शिकार 574 युवक-युवतियों को दो साल में दो बार रेस्क्यू के बाद भी ठगी का सरगना इनामुल हक पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में चले जाना रक्सौल पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने रक्सौल पुलिस को कड़ा निर्देश दिया था कि कंपनी के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले इनामुल हक, मकान मालिक और ग्रुप लीडर समेत 17 लोगों पर रक्सौल थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करें. इनामुल की गिरफ्तारी जल्दी हो इसके लिए एसपी ने इनामुल पर 10 हजार का इनाम की घोषणा भी किया था. इसके बावजूद रेस्क्यू के दो महीने बाद भी इनामुल की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जबकि इनामुल को रक्सौल में देखें जाने की लोग चर्चा कर रहे हैं. वहीं, ड्रग्स सप्लायर और हिरोइन बनाने का आरोपी असलम का छोटा भाई असरफ अली की कुर्की जब्ती वारंट के बावजूद कुर्की या गिरफ्तारी नहीं हो सका है, जिसके बाद अब रक्सौल शहर में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होने लगा है.
इनामुल हक की गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा बना खानापूर्ति
इनामुल हक के गिरफ्तारी के लिए एसपी ने 10 हजार का इनाम की घोषणा के साथ अवैध सम्पति जब्त करने का आदेश दिया है. वहीं, ठगी के शिकार युवकों के मकान मालिक के भी इस गोरखधंधे में संलिप्तता की जांच करने का आदेश दिया है. किस आधार पर और किसके गारंटी पर बाहर के बच्चे को रूम किराया पर दिया गया. मकान मालिक को रूम के किराया के अलावा कहीं गोरखधंधे में हिस्सा तो नहीं मिल रहा था. इन तमाम बिन्दुओं पर जांच करने का आदेश हुआ है.
इनामुल पर रक्सौल थाने में पोस्को एक्ट में प्राथमिकी है दर्ज
इस गोरखधंधे धंधे का मास्टरमाइंड कहे जाने वाले इनामुल हक समेत पांच लोगों पर रक्सौल थाने में 14 मई 23 को कांड संख्या 235 / 23 पोस्को एक्ट में प्राथमिकी दर्ज है. झारखंड की एक महिला ने अपने नाबालिग बच्ची के साथ मारपीट, नशीला दावा खिलाकर यौन शोषण करने और पैसे ठगी करने का आरोप लगाई थी. पीड़िता की मां ने एसएसबी के ह्यूमन ट्रैफिकिंग विंग के एक अधिकारी मनोज शर्मा से संपर्क कर सारी बातें बताते हुए मदद की गुहार लगाई थी. शिकायत के बाद एसएसबी ने रक्सौल पुलिस के सहयोग से रक्सौल के सभ्यता नगर से पीड़ित लड़की का रेस्क्यू किया था. इसके बावजूद इस मास्टरमाइंड या किसी शागिर्द के ऊपर कोई कर्रवाई नहीं हुई. एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया की इस मामले को लेकर 17 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है. जिसमें मास्टरमाइंड इनामुल हक, उसके ग्रुप लीडर और मकान मालिक के नाम शामिल हैं. आरोपी लोगों के गिरफ्तारी के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया है. मास्टरमाइंड इनामुल हक के अवैध सम्पति की जांच कर जब्त करने की कर्रवाई की जाएगी. वहीं, मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात के इस एक्शन के बारे में कहा जा रहा है कि उनके बिना इतने बड़े स्तर पर 574 बच्चे का रेस्क्यू संभव नहीं था.
इनामुल हक को सफेदपोश का मिल रहा है संरक्षण
एसपी के कड़े निर्देश के बाद इनामुल हक को रक्सौल के कुछ सफेदपोश छत्रछाया दे रहे है. एसपी के कर्रवाई से मुक्ति दिलाने के लिए पटना की दौड़ लगवा रहे है. इनामुल के पैसे के बल पर पार्टी के टिकट में जुगत में लगा है. इनामुल इन सफेदपोश नेताओं का सभी खर्चे वहन कर रहा है. इनामुल हक के फर्जी कंपनी के पास सैकड़ों बच्चे ठगी शिकार हुआ करते थे तब उन्हीं बच्चों, जिन्हें रक्सौल के कुछ नेता अपने राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए इन भोले भाले बच्चे का भी इस्तेमाल करते थे.
दोनों रेस्क्यू ऑपरेशन एसएसबी के इनपुट पर हुआ, DBR कंपनी पर दो वर्ष में दो बार छापा
रक्सौल में देश भर के युवक-युवतियों को नौकरी के नाम पर बुलाकर DBR कंपनी ठगी और उगाही का धंधा कर रही थी, जिसकी स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लग सकी थी. रक्सौल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के ह्यूमन ट्रैफिकिंग विंग ने रक्सौल पुलिस की मदद से DBR कंपनी पर छापामारी कर वर्ष 23 में दर्जनों लड़कियों को मुक्त करवाया गया था पर उसके सरगना को गिरफ्तार करने में रक्सौल पुलिस असफल रही. गिरफ्तारी नहीं होने के कारण DBR का सरगना इनामुल ने फिर से रक्सौल में अपना गोरखधंधा बारे पैमाने पर शुरू कर दिया था. इसी वर्ष अप्रैल में एसएसबी से जुड़ा एक युवक DBR कंपनी के ठगी का शिकार हो गया जिसके बाद एक बार फिर से एसएसबी सक्रिय हुई और दूसरी बार DBR कंपनी के चंगुल से 567 युवक-युवतियों को मुक्त करवाया था. दूसरे ऑपरेशन को काफी गोपनीय ढंग से एसएसबी ने रक्सौल पुलिस की मदद से अंजाम दिया था.
इनपुट मिलने के बाद करीब एक सप्ताह तक एसएसबी की टीम ने DBR के सभी लोकेशन को ट्रैक किया फिर ऑपरेशन वाले दिन एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट दीपक कृष्ण रक्सौल थाना पर ऑपरेशन में मदद लेने के लिए पहुंचे थे पर उससे पहले DBR के सभी लोकेशन पर एसएसबी की टीम को लगा दिया गया था ताकि DBR युवक-युवतियों को कही दूसरी जगहों पर शिफ्ट ना कर सके. इतने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू के लिए बड़े बड़े अधिकारियों को शामिल कर टीम गठन किया गया था. एसएसबी सहायक कमांडेट रजत मिश्रा, सचिन कुमार सहायक कमांडेट, नेहा सिंह सहायक कमांडेट, रक्सौल डीएसपी, रक्सौल इंस्पेक्टर राजीव नन्दन सिन्हा, दो दारोगा कुमारी एकता , रवि कुमार , आरती कुमारी , एनजीओ प्रयास संस्था के साथ करीब 70 एसएसबी के जवान शामिल थे. इसके अलावा आईबी के तीन अधिकारी भी शामिल थे जो रक्सौल में छापेमारी और रेस्क्यू के पल पल का अपडेट ऊपर तक पहुंचा रहे थे. एसएसबी सूत्रों के अनुसार, एसएसबी ऑपरेशन के एक सप्ताह पूर्व इनामुल के ठगी के अड्डे की रेकी किया था. ऑपरेशन के दिन सभी जगहों पर एसएसबी के जवान को खड़ा किया गया था.
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इनामुल पर कर्रवाई का नहीं होना चर्चा का विषय
ठगी के सरगना और 10 हजार का इनामी इनामुल का दो महीने बीत जाने के बाद भी गिरफ्तार नहीं होना बड़ा सवाल खड़ा करता है. आखिर किसके छत्रछाया में सरेआम इनामुल घूम रहा है. वहीं, ड्रग्स सप्लायर का आरोपी असरफ अली का कुर्की जब्ती आदेश के बाद भी कोई कर्रवाई नहीं होना भी चर्चा का विषय बन गया है.
रिपोर्ट: पंकज कुमार
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