Gaya News: गया जिले में खूनी घटनाओं का जिम्मेदार और तीन लाख रुपये का इनामी कुख्यात नक्सली अखिलेश सिंह भोक्ता उर्फ पतरकी अब सलाखों के पीछे है. बिहार पुलिस और सुरक्षा बलों की सख्त दबिश और छापेमारी से घबराकर अखिलेश भोक्ता ने अपनी सेमी-ऑटोमेटिक राइफल के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है. गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह नक्सली संगठन में सब-जोनल कमांडर के पद तक पहुंच गया था और लंबे समय से फरार चल रहा था.
आत्मसमर्पण के बाद अखिलेश सिंह भोक्ता ने खुलासा किया कि उसने कचनार गांव के जंगल में 60 आईईडी दफ्न कर रखे थे. प्रत्येक आईईडी का वजन लगभग एक किलो था. सूचना मिलते ही सीआरपीएफ, एसएसबी और बीएसएपी की टीम मौके पर पहुंची और सभी विस्फोटक उपकरणों को नष्ट कर दिया गया. यह बड़ी साजिश तब उजागर हुई जब अखिलेश पुलिस के आगे टूट गया और जंगल में दफ्न विस्फोटकों का राज खोल दिया.
पुलिस के अनुसार, अखिलेश सिंह भोक्ता गया और औरंगाबाद जिले में 17 से अधिक नक्सली कांडों में शामिल रहा है. उस पर आमस थाना क्षेत्र में सोलर प्लांट में आगजनी करने, देव थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या और सात वाहनों में आग लगाने का आरोप है. लुटुआ थाना क्षेत्र में एक आईईडी विस्फोट में पुलिस अवर निरीक्षक शहीद हुए थे, जिसमें दो अन्य जवान घायल हुए थे. साथ ही डुमरिया थाना क्षेत्र में चार ग्रामीणों की गले में फंदा डालकर हत्या करने का मामला भी दर्ज है.
एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि अखिलेश सिंह भोक्ता को बिहार सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा. लंबे समय से फरार कुख्यात नक्सली के समर्पण से छकरबंधा और आसपास के इलाकों में नक्सली गतिविधियों का लगभग खात्मा हो गया है. यह समर्पण बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की एक ऐतिहासिक जीत है, जो राज्य में शांति और कानून व्यवस्था की जीत का प्रतीक है.
इनपुट- आईएएनएस
ये भी पढ़ें- बिहार में स्कूलों का नया टाइम टेबल जारी, 23 जून से बदल जाएगा स्कूल खुलने का समय
बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी. बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!