गिरिडीह: गिरिडीह जिले के सरिया-बगोदर रोड स्थित प्रखंड कार्यालय के समीप सोमवार को एक भीषण सड़क हादसे में ससुर और दामाद की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. मृतकों की पहचान सरिया के कलाली रोड निवासी गौरव उर्फ टिंकू रजक और हजारीबाग जिले के बेड़ोकला निवासी बलदेव बैठा के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार, दोनों बाइक पर सवार होकर सरिया बाजार से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान रास्ते में अचानक एक पशु बाइक के सामने आ गया. पशु को बचाने के प्रयास में उनकी बाइक असंतुलित हो गई और प्रखंड कार्यालय के पास खड़े एक मालवाहक वाहन से टकरा गई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए.
स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से दोनों को आनन-फानन में इलाज के लिए बगोदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल परिसर में परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी. शोकाकुल परिजनों के चीत्कार से माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया. इधर, पोस्टमार्टम को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया. स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों ने हड़ताल का हवाला देते हुए पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया. इससे परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया. काफी देर तक अस्पताल में प्रशासन और कर्मियों के बीच बहस होती रही, लेकिन कर्मी अपनी मांगों पर अड़े रहे.
स्थिति को बिगड़ता देख स्थानीय पत्रकार बिट्टू खान ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी से संपर्क कर पूरी जानकारी दी. मंत्री ने तुरंत प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और हड़ताली कर्मियों से बात की और सख्त लहजे में कहा कि हड़ताल के कारण यदि किसी की जान जाती है तो यह अस्वीकार्य है. उन्होंने कर्मियों को समझाते हुए कहा कि मांगों को लेकर वे आउटसोर्सिंग कंपनी से बात करेंगे, लेकिन कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. मंत्री के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल समाप्त हुई और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराई गई.
इनपुट- मृणाल सिन्हा
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