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Baikunthpur Assembly Seat: बैकुंठपुर सीट पर 2020 में RJD को मिली थी जीत, इस बार भी रहेगा दबदबा कायम? समझिए समीकरण

Baikunthpur Assembly Seat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर गोपालगंज की बैकुंठपुर सीट पर सियासी हलचल तेज है. ऐसे में इस बार यहां का सियासी समीकरण कैसा रहेगा? समझिए इस खबर में.

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बैकुंठपुर विधानसभा सीट
बैकुंठपुर विधानसभा सीट
Shubham Raj|Updated: Aug 10, 2025, 11:49 PM IST
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Baikunthpur Assembly Seat: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, गोपालगंज ज़िले की बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है. जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित बैकुंठपुर में इस बार भी मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है, जहां भाजपा, राजद और जदयू तीनों ही पार्टियों के कद्दावर नेता अपनी-अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं.

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वर्तमान में इस सीट से राजद के प्रेम शंकर प्रसाद विधायक हैं, जिन्होंने 2020 के चुनाव में भाजपा के मिथिलेश तिवारी को करीब 11 हजार वोटों से हराया था. इससे पहले 2015 में मिथिलेश तिवारी भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि 2010 में जदयू के मंजीत सिंह इस सीट से विधायक चुने गए थे. इस बार भी यही तीन चेहरे, प्रेमशंकर यादव (राजद), मिथिलेश तिवारी (भाजपा) और मंजीत सिंह (जदयू) मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं.

बैकुंठपुर की सबसे बड़ी समस्याओं में रोजगार की कमी, बाढ़ से तबाही और उच्च शिक्षा की सुविधाओं का अभाव प्रमुख हैं. पूरे क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है, जिससे छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए गोपालगंज या छपरा जैसे दूर के जिलों का रुख करना पड़ता है. साथ ही, गंडक नदी की बारहमासी बाढ़ से इस विधानसभा क्षेत्र के कई पंचायत बुरी तरह प्रभावित होते हैं. अपराध भी यहां एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है, खासकर दियारा क्षेत्र में, जहां सीमावर्ती जिलों, छपरा, सीवान, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर, की सीमाएं मिलने से अपराधियों का मूवमेंट अधिक देखा जाता है.

जातीय समीकरण की बात करें तो यादव, राजपूत, पिछड़ा वर्ग और दलित मतदाता इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यादव समुदाय का वोटबैंक सबसे अधिक होने के कारण राजद की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, वहीं राजपूत और अन्य पिछड़ा वर्ग भाजपा और जदयू के पारंपरिक मतदाता रहे हैं. कुल 3,43,369 मतदाताओं वाली इस सीट पर पुरुष मतदाता 1,75,612 हैं जबकि महिला मतदाता 1,67,747 हैं. थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 10 है.

बैकुंठपुर की पहचान नारायणी रिवर फ्रंट, डुमरिया घाट, सिधवलिया चीनी मिल, पॉलिटेक्निक कॉलेज और पारा मेडिकल कॉलेज से भी जुड़ी है. लेकिन जनता की सबसे बड़ी मांग आज भी एक डिग्री कॉलेज की स्थापना, बाढ़ से स्थायी निजात और स्थानीय रोजगार के साधनों का विकास है. गोपालगंज जिले की 6 विधानसभा सीटों में वर्तमान में भाजपा, जदयू और राजद के पास दो-दो सीटें हैं, ऐसे में इस चुनाव में बैकुंठपुर का परिणाम जिले की राजनीतिक तस्वीर तय करने में अहम भूमिका निभाएगा. जनता किसे चुनती है, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन मुद्दे साफ हैं, विकास, शिक्षा और सुरक्षा.

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