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KK Pathak: नवादा में फिर चला केके पाठक का हंटर, 4 प्रधानाध्यापकों सहित शिक्षा पदाधिकारी का भी वेतन रोका

KK Pathak News: अपर सचिव जिले के कई क्षेत्रों में स्कूलों का औचक निरीक्षण करने गए थे. कुछ स्कूल में ब्लैकबोर्ड नही थे. ये देखकर केके पाठक को कुछ ज्यादा ही गुस्सा आ गया. उन्होंने मौके पर शिक्षकों से इसका जवाब मांगा कि आखिर वो क्लासरूम में पढ़ाते कैसे हैं. 

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फाइल फोटो
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Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Jan 06, 2024, 08:18 AM IST
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KK Pathak Action News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने एक्शन को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. उनका नाम सुनते ही शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारी कांप जाते हैं. वह जिस जिले में पहुंच जाते हैं, उस जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच जाता है. लापरवाह टीचरों सहित अन्य कर्मचारियों पर गाज गिरनी निश्चित होती है. ताजा मामला नवादा से सामने आया है. नवादा में शिक्षा विभाग के अपर सचिव के के पाठक एक्शन मोड में दिखे. यहां उन्होंने ने आज जिले के शिक्षा पदाधिकारी का वेतन रोक दिया. 

केके पाठक ने इसके अलावा नवादा और वारसलीगंज के बीइओ का भी वेतन रोकने का आदेश दिया है. साथ ही साथ चार स्कूलों के प्रधानाध्यापक का भी वेतन बंद कराया है. जिले के विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण करने के दौराण स्कूलों में त्रुटियां पाए जाने के बाद उन्होंने ये आदेश दिया है. अपर सचिव जिले के कई क्षेत्रों में स्कूलों का औचक निरीक्षण करने गए थे. कुछ स्कूल में ब्लैकबोर्ड नही थे. ये देखकर केके पाठक को कुछ ज्यादा ही गुस्सा आ गया. उन्होंने मौके पर शिक्षकों से इसका जवाब मांगा कि आखिर वो क्लासरूम में पढ़ाते कैसे हैं. 

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लगभग सभी स्कूलों की व्यवस्थाओं से केके पाठक नाखुश दिखे. लगभग सभी स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था बेहद ही खराब थी. स्कूलों की हालत देखकर केके पाठक भड़क गए. मौके पर ही उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई और तत्काल उसे ठीक करने का आदेश दिया. इससे पहले अपने सीतामढ़ी दौरे पर केके पाठक ने एक हेडमास्टर व दो सहायक शिक्षकों को निलंबित कर दिया था. ये तीनों बिना सूचना ड्यूटी से गायब पाए गए थे.

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इसके अलावा मिड डे मील आपूर्ति करने वाली एजेंसी पर भी एक लाख का जुर्माना ठोक दिया. दरअसल, केके पाठक जब एक विद्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो पता चला कि दोपहर 1 बजे तक भी बच्चों को मिडडे मील का भोजन नहीं मिला है. उन्होंने जब जानकारी मांगी तो पता चला कि एनजीओ की ओर से भोजन भेजा नहीं गया. इस पर केके पाठक ने एनजीओ पर समय से भोजन नहीं भेजने पर एक लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया. 

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