Gumla News: गुमला पुलिस ने रंगदारी वसूली की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया है. प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के नाम पर व्यवसायी से लेवी मांगने की कोशिश कर रहे तीन अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. सोमवार को अनुमंडल पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह ने इस कार्रवाई की जानकारी दी.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 18 अप्रैल 2025 को गुमला के एक व्यवसायी से पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगी गई थी. इसके बाद गुमला थाना में केस दर्ज कर त्वरित कार्रवाई के लिए QRT टीम बनाई गई. इसी टीम ने 27 अप्रैल को गुमला थाना क्षेत्र के अरमई के पास से तीन अपराधियों तस्लीम अंसारी उर्फ भौरा, जावेद अंसारी और मो. जावेद को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने इनके पास से एक देशी कट्टा, 315 बोर के तीन जिंदा कारतूस, 12 बोर का एक कारतूस और एक ग्लैमर मोटरसाइकिल (नंबर JH01E-9094) बरामद किया. पूछताछ में सामने आया कि ये अपराधी गुमला शहर में फायरिंग कर दहशत फैलाने और व्यापारियों से रंगदारी वसूलने की योजना बना रहे थे.
पुलिस के अनुसार, तस्लीम अंसारी उर्फ भौरा का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. वह वर्ष 2012 में भी रंगदारी वसूली के मामले में जेल जा चुका है. जावेद अंसारी और मो. जावेद के खिलाफ भी आर्म्स एक्ट, लूट और अपहरण जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं.
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर अन्य सहयोगियों की भी पहचान कर ली है. उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. साथ ही अवैध हथियार रखने और भयादोहन से संबंधित एक और मामला गुमला थाना में दर्ज किया गया है.
एसपी शंभू कुमार सिंह ने कहा कि गुमला पुलिस शांति और कानून व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रहेगी. अपराधियों को यह संदेश दिया गया है कि गुमला में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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