झारखंड के संथाल परगना में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने जामताड़ा से उलगुलान की शुरुआत की है. शनिवार को जामताड़ा में आयोजित एक आदिवासी सामाजिक संगठन के कार्यक्रम में उन्होंने इस विषय पर खुलकर अपनी राय रखी. उन्होंने संथाल परगना के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सभा को संबोधित किया और बांग्लादेशी घुसपैठ को गंभीर समस्या बताया.
बांग्लादेशी घुसपैठ पर रणनीति बनाने की जरूरत
चंपई सोरेन ने कहा कि संथाल परगना वीरों की भूमि है और यहां बाहरी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि इस उलगुलान के तहत स्थानीय समाज के लोगों के साथ गहन चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी. इसके बाद सड़कों पर उतरकर बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा.
सामाजिक जागरूकता के बाद होगा आंदोलन
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि इस अभियान का पहला लक्ष्य समाज को जगाना है. जब समाज जागरूक होगा तो व्यवस्था में बदलाव स्वतः संभव होगा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मुद्दे को लेकर सरकार से भी जवाब मांगा जाएगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आदिवासी समाज को अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान बनाए रखने के लिए एकजुट होकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा.
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