Jamui/जमुई: जमुई जिले के झाझा रेफरल अस्पताल भवन की नींव से ही गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं करने का आरोप ग्रामीण सहित रेफरल अस्पताल प्रभारी अरुण सिंह ने लगाया है. वहीं, ग्रामीण समेत झाझा रेफरल अस्पताल प्रभारी अरुण सिंह का आरोप है कि पौने छह करोड़ की लागत से बनने वाली यह अस्पताल भवन में गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एस्टीमेट के अनुसार मैटेरियल का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. ऐसे में आए दिन बिहार में कई पुल पुलिया उद्घाटन से पहले ही जमींदोज हो जाते हैं. कई पुल हवा में उड़ जा रहे, तो ऐसे में अस्पताल की नींव ही अगर गलत पदार्थ और गुणवत्तापूर्ण नहीं किया गया तो कितने दिनों तक चलेगा.
झाझा रेफरल अस्पताल प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि आपदा के वक्त लोग का एकमात्र सहारा अस्पताल ही होता है और ऐसे में अस्पताल ही अगर कमजोर रहेगा तो लोगों का इलाज और जान कहां पर बचाई जाएगी.
बता दें कि यह कार्य बीएमआईसीएल की तरफ से टेंडर की प्रक्रिया कराई गई थी. इसके बाद ठेकेदार से अस्पताल भवन का निर्माण कराया जा रहा है. वहीं, बीएमआईसीएल के सहायक अभियंता अमरजीत कुमार ने कहा कि सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण और अष्टमी के अनुसार किया जा रहा है. लोगों का आरोप बुनियाद है.
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पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ अमित किशोर ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. अस्पताल के प्रभारी अरुण सिंह का भी आरोप है कि कॉन्ट्रैक्टर की तरफ से गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कराए जाने की जानकारी मिली है. हम स्वयं इसकी जांच करवाएंगे. इसके खिलाफ विभाग को भी लिखा जाएगा.
रिपोर्ट: अभिषेक निरला
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