बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना कराने के निर्णय को महागठबंधन की जीत बताया है. जमुई में मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि “यह हमारी और हमारे गठबंधन की जीत है. सरकार को हमारी मांगों के सामने झुकना पड़ा.” उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस मुद्दे पर सबसे पहले उनकी पार्टी और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने आवाज उठाई थी.
तेजस्वी यादव ने उन नेताओं पर भी निशाना साधा जो जातीय जनगणना के फैसले का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग आज इसका क्रेडिट लेने में लगे हैं, उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए, खासकर देवगौड़ा शासनकाल के फैसले. उन्होंने कहा कि सरकार तो केवल पीछे-पीछे चलती है, असली नेतृत्व हमने किया है.
तेजस्वी यादव ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि “शराबबंदी पूरी तरह विफल रही है. आज 14 लाख लोग जेल में हैं और 9 लाख केस लंबित हैं. गरीब देसी शराब पीने वाले जेलों में सड़ रहे हैं जबकि अंग्रेजी शराब पीने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती.” उन्होंने आरोप लगाया कि शराब माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं और मुख्यमंत्री इसे रोकने में नाकाम रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि वे खुद नशा के खिलाफ हैं और चाहते हैं कि देश पूरी तरह नशा मुक्त हो. लेकिन उन्होंने जोर दिया कि कानून का निष्पक्ष और प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी है. उन्होंने मांग की कि सरकार को गरीबों और वंचितों पर अत्याचार करने के बजाय असली अपराधियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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