खूंटी: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के अंदर अब लोकतंत्र की ऐसी हवा चली है कि कार्यकर्ता खुद ही अपनी पार्टी के जिलाध्यक्ष के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. खूंटी में मंगलवार को जेएमएम कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह चौक से नेताजी चौक होते हुए पुनः भगतसिंह चौक तक एक जोरदार रैली निकाली. विरोध का कारण? 17 साल से 'अमरपद' बने बैठे एक ही जिलाध्यक्ष रहा. करीब 300 से ज्यादा कार्यकर्ता इस आक्रोश रैली में शामिल हुए.
रैली की अगुवाई जेएमएम के जिला उपाध्यक्ष मगन मंजीत तिड़ू, केंद्रीय समिति सदस्य डॉ. हेमंत तोपनो, तथा अड़की, कर्रा और मुरहू प्रखंड के अध्यक्षों ने की. रैली से पहले कुंजला में एक बैठक और फिर प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया क्योंकि विरोध भी अब रणनीतिक होता है. मगन मंजीत तिड़ू ने प्रेस वार्ता में खुलकर कहा कि जेएमएम के नियम के अनुसार कोई भी जिलाध्यक्ष अधिकतम दो वर्षों तक पद पर रह सकता है, लेकिन खूंटी को शायद नियमों से ऊपर मान लिया गया है. साल 2007 से लेकर अब तक एक ही व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाकर रखा गया है. उन्होंने तंज कसते हुए पूछा, “क्या पार्टी में और कोई सक्षम व्यक्ति नहीं है?”
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डॉ. हेमंत तोपनो और महादेव मुंडा जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी इस 'स्थायी अध्यक्ष' पर सवाल उठाए और कहा कि कार्यकर्ताओं में गहरी नाराजगी है. खास बात यह है कि विधानसभा चुनावों के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष को बदलने का आश्वासन दिया था, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात. कार्यकर्ताओं की मांग है कि अब और इंतजार नहीं, अधिवेशन से पहले ही इस 'जमी हुई कुर्सी' को हिलाया जाए.
इनपुट- ब्रजेश कुमार
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