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JEE मेंस परीक्षा पास कर लिया, लेकिन एडमिशन के लिए पैसे नहीं, अब कैसे इंजीनियर बनेंगी खूंटी ये छात्राएं?

Khunti News: खूंटी के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में जेईई की तैयारी कर रही छात्राओं में 18 छात्रों ने बाजी मारी हैं, लेकिन गरीब परिवार से आने वाली इन मेंस परीक्षा में उत्तीर्ण छात्राओं के सामने गरीबी एक समस्या बन बैठी है. 

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JEE मेंस परीक्षा पास कर लिया, लेकिन एडमिशन के लिए पैसे नहीं, अब कैसे इंजीनियर बनेंगी खूंटी ये छात्राएं?
JEE मेंस परीक्षा पास कर लिया, लेकिन एडमिशन के लिए पैसे नहीं, अब कैसे इंजीनियर बनेंगी खूंटी ये छात्राएं?
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Feb 14, 2025, 10:11 AM IST
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Khunti News: झारखंड के खूंटी जिले में जिला प्रशासन द्वारा संचालित सम्पूर्ण शिक्षा कवच अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में जेईई की तैयारी कर रही छात्राओं में 18 छात्रों ने बाजी मारी हैं. इन छात्राओं का नामांकन गरीब और आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार वालों ने पढ़ा न पाने के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कराया था. जिसमें बच्चियां पढ़ाई करके जेईई मेंस क्वालीफाई कर ली है, लेकिन अब मेंस परीक्षा में उत्तीर्ण छात्राओं के सामने गरीबी एक समस्या बन बैठी है. जहां अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन के लिए गरीबी कहीं रोड़ा न बन जाए इसका उन्हें डर समाया हुआ है. क्योंकि खूंटी की ऐसी कई बच्चियां गरीबी की मार झेल कर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ाई कर रही हैं. जिसमें जेईई मेंस क्वालीफाई करने वाले अनेक गरीब परिवार की बेटियां हैं. 

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गरीबी के कारण मेंस परीक्षा में उत्तीर्ण छात्राओं का नामांकन कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हुआ था. वहीं, इन्हें सुशिक्षित कराने को लेकर खूंटी उपायुक्त लोकेश मिश्रा लगे हुए हैं, लेकिन अब गरीब परिवार से आनेवाली जेईई मेंस क्वालीफाई करने वाली अनेक बच्चियों के सामने गरीबी रोड़ा बन गया है. 

कालामाटी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में सम्पूर्ण शिक्षा कवच अभियान के तहत जेईई की पढ़ाई के लिए जेईई मेंस परीक्षा में सफलता पाई छात्रा ईशा कुमारी ने बताया कि उसके पिताजी नहीं हैं और मां खूंटी में विद्यालय के बगल में इडली बेचती है और किसी तरह घर चलाती है. मैं शायद बाहर अथवा दूसरे जगह पढ़ाई नहीं कर पाती, लेकिन मेरा नामांकन कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हुआ, तो आगे बढ़ पाई और अब जेईई मेंस परीक्षा में सफलता हासिल की.

छात्रा गुंजा कुमारी ने बताया कि उसके पिताजी नहीं हैं और मां ने बहुत ही कठिनाई से पढ़ाया है. कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ाई की तो पढ़ पाई और जेईई मेंस परीक्षा में सफलता हासिल की हूं, लेकिन ज्यादा पैसा लगेगा तो पढ़ाई नहीं कर पाएंगे. अगर सरकार मदद करेगी तभी मैं आगे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर पाएंगे. 

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कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय काला माटी की वार्डन मीनू बड़ाईक ने बताया कि यहां पढ़ने वाली बच्चियां गरीब और अशिक्षित परिवार से आती हैं, उन्हें इस विद्यालय में पढ़कर आगे बढ़ने में मदद मिल रही है. 

इनपुट - ब्रजेश कुमार

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