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Khunti News: विद्यालय परिसर में गिरा पेड़, बाल-बाल बचे सैकड़ों बच्चे! कार क्षतिग्रस्त

Khunti News: झारखंड के खूंटी में मुख्यमंत्री उत्कृष्ट बालिका विद्यालय परिसर में मध्यावकाश के दौरान उस वक्त हड़कंप मचा गया. जब एक सूखा पेड़ प्रांगण में ही धराशाई हो गया. जिसके बाद सैड़कों बच्चे इधर-उधर भागने लगे.

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विद्यालय परिसर में गिरा पेड़, बाल-बाल बचे सैकड़ों बच्चे! कार क्षतिग्रस्त
विद्यालय परिसर में गिरा पेड़, बाल-बाल बचे सैकड़ों बच्चे! कार क्षतिग्रस्त
Shubham Raj|Updated: Mar 28, 2025, 11:25 AM IST
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Khunti News: झारखंड के खूंटी के मुख्यमंत्री उत्कृष्ट बालिका विद्यालय परिसर में मध्यावकाश के दौरान एक सूखा पेड़ प्रांगण में ही धराशाई हो गया. जिससे विद्यालय के छात्र-छात्राएं तो बाल-बाल बच गए, लेकिन एक कार क्षतिग्रस्त हो गई. इस घटना से विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका व विद्यार्थी काफी भयभीत रहे, बताया जा रहा है कि बच्चे मध्याह्न भोजन करके कक्षा में घुसे ही थे कि सेमल का सूखा पेड़ प्रांगण में गिर गया. जिसके बाद गिरने की आवाज से सभी भयभीत हो गए और बच्चों के प्रति चिंतित शिक्षकों ने पास आकर देखा तो किसी को कोई दुर्घटना नहीं हुई, हालांकि, वहीं पर दूसरा पेड़ सूखा खड़ा है. अब उसका भी भय सता रहा है. विद्यालय प्रबंधन सूखे पेड़ों को काटने के लिए तीन बार आवेदन दे चुका है, लेकिन कार्यवाही नहीं होने के बाद ऐसी घटना घटी.

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क्या है पूरा मामला?
खूंटी थाना के सामने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस परिसर में बीते दिन लगभग पौने दो बजे अचानक बगैर हवा पानी के सेमल का पेड़ एक कार पर गिर गया. जर्जर सेमल के पेड़ के गिरने से स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी बाल-बाल बच गए. जानकारी के मुताबकि, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में साढ़े चार सौ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. विद्यालय के प्रभारी प्रिंसिपल रघुनाथ महतो ने बताया कि गनीमत रही कि मध्याह्न भोजन के वक्त पेड़ नहीं गिरा वरना किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता. विद्यालय परिसर में बच्चे मध्याह्न भोजन के वक्त घूमते फिरते रहते हैं और पेड़ की छांव में कई बच्चे झुंड बनाकर खड़े रहते हैं. ऐसे में पेड़ के गिरने से काफी क्षति होती. 

प्रभारी प्रिंसिपल ने बताया कि जर्जर पेड़ को काटने के लिए वन विभाग को लिखित सूचना दी गई थी, लेकिन आज घटना घटित होने तक वन विभाग ने कार्रवाई नहीं की. इसी तरह विद्यालय परिसर में एक और पेड़ जर्जर अवस्था में खड़ा है. यह पेड़ भी कभी भी धराशायी हो सकता है. विद्यालय परिसर में सूखे और जर्जर पेड़ को काटने की प्रक्रिया कानूनी प्रावधानों में अटक जाती है और कई दुर्घटनाओं को आमंत्रित करती है. आखिर विद्यालय परिसर में इस तरह के मामलों की जिम्मेवारी किसकी होगी? आज की घटना के बाद ऐसे सवाल उठने लगे हैं.

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