किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत दल्लेगांव पंचायत में मेची नदी पर बनने वाला पुल वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. इस पुल के पूरा नहीं होने से ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किल में बदल गई है. ग्रामीण आज भी नदी पार करने के लिए नाव और मोटरसाइकिल पर निर्भर हैं. विशेषकर आपातकालीन स्थितियों में ग्रामीणों को जान जोखिम में डालना पड़ रहा है.
अधूरे पुल के चलते एक नई नवेली दुल्हन को भी अपनी ससुराल पहुंचने के लिए नाव और मोटरसाइकिल का सहारा लेना पड़ा, जो न केवल जोखिमभरा था बल्कि बेहद दुखद था. इसके अलावा शव को दफनाने के लिए ग्रामीणों को नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है और फिर कई किलोमीटर पैदल चलना होता है.
अधूरे पुल के कारण किसानों को भी भारी नुकसान हो रहा है. हाल ही में एक किसान अपनी मक्के की फसल ट्रैक्टर में लादकर नदी पार करने जा रहा था, लेकिन ट्रैक्टर पलट जाने से लाखों रुपये की फसल पानी में बह गई. इससे किसानों की कमर टूट रही है.
बताया जा रहा है कि ग्रामीण कार्य विभाग ने पुल के निर्माण में डीपीआर तैयार करने में गंभीर लापरवाही की है. पुल में नौ पायों (SPAN) की योजना बनाई गई, जबकि जरूरत ज्यादा पायों की थी. इस गलती के चलते पुल आज तक पूरा नहीं हो पाया.
अंततः ग्रामीणों ने इस परेशानी से तंग आकर पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. उनका कहना है कि अधूरे पुल के कारण हर दिन लोग जोखिम में जी रहे हैं, इसलिए जल्द से जल्द पुल निर्माण पूरा किया जाए. ग्रामीणों को उम्मीद है कि कोर्ट के हस्तक्षेप से जल्द पुल निर्माण पूरा हो सकेगा. उनका कहना है कि इस पुल के बनने से उनका आवागमन आसान होगा और रोजमर्रा की परेशानियों से मुक्ति मिल सकेगी.
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