लातेहार: झारखंड की राजधानी रांची के सिल्ली के मारदू गांव से रेस्क्यू हुए बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में छोड़ दिया गया है. बीती रात बाघ को पकड़कर रांची से चलकर पलामू टाइगर रिजर्व लाया गया. 26 जून, दिन गुरुवार की सुबह 7 बजे के करीब पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में छोड़ दिया गया है. सुरक्षा कारणों से जिस इलाके में बाघ को छोड़ा गया है उसका लोकेशन जारी नहीं किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि बाघ को लेकर पलामू टाइगर रिजर्व ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकान्त जेना के नेतृत्व में बाघ को जंगल मे छोड़ा गया है. रांची के सिल्ली के मारदू गांव में पुरंदर महतो के घर से 25 जून, 2025 दिन बुधवार को वन विभाग टीम ने बाघ का रेस्क्यू किया था. बाद में डॉक्टरों की टीम ने बाघ की स्वास्थ्य जांच किया था. इसके बाद उसे पलामू टाइगर रिजर्व लाया गया था.
पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकान्त जेना ने कहा कि यह बाघ 2023 में पलामू टाइगर रिजर्व के पलामू किला के इलाके में देखा गया था, जिस कारण इस बाघ का नाम किला बाघ रखा गया था. साल 2023 के बाद यह हजारीबाग, चतरा के बाद गुमला होते हुए बंगाल सीमा तक पुरुलिया में गया था.
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पलामू टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जेना ने बताया की बाघ की उम्र साढ़े चार वर्ष है. बाघ नर प्रजाति का है और व्यस्क है, बाघ के मूवमेंट पर निगरानी रखी जा रही है.
रिपोर्ट: संजीव कुमार गिरी
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